कोरोना महामारी के चलते पूरा देश ही 14 अप्रैल तक लौकडाउन है. इस दौरान न तो निजी औफिस खुलेंगे, न ही ट्रेनें, मैट्रो चलेंगी.  यहां तक कि मौल, सिनेमा, क्लब, मल्टीप्लेक्स तक बंद हैं. बौर्डर सील हैं. सड़कें सुनसान हैं. इक्कादुक्का लोग ही सड़क पर नजर आए. बस के लिए स्टैंड पर देर तक इंतजार करना पड़ता है. वहीं बस वाले भी उसी को बैठा रहे हैं, जिन के पास वैध कागजात हैं. इस दौरान पुलिस भी सख्ती बरत रही है. सड़क पर बेवजह घूमने वालों से उठकबैठक करा रही है, वहीं डंडे से पीट कर हिदायत भी दे रही है कि घर पर ही रहें, बाहर न घूमें.

इस लॉक डाउन की वजह से सभी स्कूल बंद हैं. वहीं सीबीएसई बोर्ड द्वारा आयोजित कराई जा रही बच्चों की परीक्षा भी टाल दी गई है.

बच्चे परेशान हैं कि अब कब परीक्षा होगी. वहीं बच्चों को पढ़ाने के लिए टीचरों पर अब घर से ही ऑनलाइन क्लास लेने पर जोर दिया जा रहा है.

बच्चे भी ऑनलाइन क्लास लेना चाहते हैं, टीचर भी पढ़ाना चाहते हैं, परंतु समस्या यह है कि गरीब तबकों के बच्चों की क्लास कैसे ली जाए, सोचने पर मजबूर करती है.

ये भी पढ़ें- #coronavirus: मिला अपनों का साथ

वहीं अमीर घरों के बच्चे भी परेशान हैं. उन की परेशानी यह है कि इंटरनेट नहीं चल रहा. सर्वर पर अधिक लोड होने के कारण ब्राउजर पूरी तरह खुल नहीं पा रहा है. तमाम कोशिशों के बाद भी इंटरनेट पर ऑनलाइन क्लास लेना मुमकिन नहीं हो पा रहा.

गरीब को तो इस दौरान दोहरी मार पड़ी है. एक तरफ माली तंगी झेलनी पड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ घर से बाहर निकलने पर पाबंदी है. रोजीरोटी की समस्या तो है ही, वहीं पढ़ाई न होने से इन के बच्चे भी परेशान हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...