पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों बेहद परेशान हैं जिस की वजह आरएसएस और उस के आनुषंगिक संगठन बजरंग दल व विश्व हिंदू परिषद हैं. कोलकाता के एक कार्यक्रम में ममता ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को नहीं आने दिया तो उन्होंने ममता को सबक सिखाने का जिम्मा इन संगठनों को सौंप दिया. ये संगठन हिंदुत्व के नाम पर हुल्लड़ मचाने के तकनीकी और मैदानी विशेषज्ञ हैं. अपने आकाओं का इशारा मिलते ही इन संगठनों ने घोषणा कर दी कि इस दशहरे पर पूरे पश्चिम बंगाल में त्रिशूल दीक्षा का आयोजन किया जाएगा.
पूरी उम्मीद या आशंका है कि इस साल पश्चिम बंगाल का प्रसिद्ध दशहरा कुछ ज्यादा ही धूमधाम से मनेगा जिस से निबटने के लिए ममता को प्रस्तावित त्रिशूल दीक्षा का दायरा समेटने के लिए कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा वरना वैचारिकता के नाम पर जिस धार्मिक हिंसा की भूमिका लिखी जा रही है वह बंगाल को कंगाल बना कर ही छोड़ेगी.
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