बिहार सरकार ने नया फरमान जारी किया है कि पंडों की यह जिम्मेदारी है कि वे बालविवाह न करवाएं और वरवधू वयस्क हैं, इस आशय की सूचना प्रशासन को दें. अब होगा यह कि पंडे निसंकोच बालविवाह कराएंगे और चूंकि वयस्कता के बाबत सरकार ने उन्हें अधिकृत कर ही दिया है, इसलिए घूस और दक्षिणा खा कर वे उम्र में भी हेराफेरी करेंगे. जिसे लोग अंकुश समझ रहे हैं, वह दरअसल में पंडों की आमदनी बढ़ाने की छूट है, क्योंकि गलत जानकारी देने पर सजा की बात नहीं की गई है.
कल को मुमकिन है संघमोह और मोहन भागवत के सम्मोहन में खोए नीतीश यह हुक्म भी जारी करवा दें कि बच्चों के जन्म का पंजीयन पंडितजी से करवाया जाए. हां, बदलती हवा के बाद हो सकता है पलटीमार नीतीश कुमार को एक बार फिर मोदी और 2002 के गुजरात के दंगे याद आने लगें.