कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अमेरिका जा कर जगहजगह कुछकुछ बोले. परिवारवाद पर दिए उन के व्याख्यान से तिलमिलाई भाजपा की तरफ से आधिकारिक प्रतिक्रिया वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दी कि राहुल का वंशवाद का बयान शर्मसार करने वाला था.
चूंकि देश के लोग ध्यान से नहीं सुन रहे थे, इसलिए अपने दिल की भड़ास राहुल ने विदेश जा कर भी निकाली कि भारत में असहिष्णुता और बेरोजगारी
2 बड़ी चुनौतियां हैं. जैसे भारत में भाजपा का आरएसएस है वैसे ही अमेरिका में डैमोक्रेटिक पार्टी का एक थिंकटैंक सीएपी यानी सैंटर फौर अमेरिकन प्रोग्रैस है जिस ने राहुल को हाथोंहाथ लिया. बात गर्व की है कि हमारी राजनीति अंतर्र्राष्ट्रीय होती जा रही है जिस का एक पहलू यह भी है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशों में जा कर अपनी सरकार की उपलब्धियां गिना सकते हैं तो राहुल गांधी वहीं जा कर उन की धज्जियां क्यों नहीं उड़ा सकते.