उत्तर प्रदेश में मुंह की खाने के बाद मुलायम व अखिलेश यादव की तरह जो नेता उम्मीदभरी निगाहों से इधरउधर खासतौर से मध्य प्रदेश की तरफ देख रहे हैं, बसपा सुप्रीमो मायावती उन में से एक हैं. मध्य प्रदेश, गिन कर ही सही, बसपा को कुछ सीटें जरूर हर विधानसभा चुनाव में देता रहा है. इस बार मायावती की कोशिश दहाई का आंकड़ा पार करने की दिख रही है. इस बाबत बसपा ने उन की एक कथित विशाल आमसभा का आयोजन भी भोपाल में कर डाला जिसे सुपर फ्लौप कहने से कोई परहेज नहीं कर रहा क्योंकि भीड़ उम्मीद से बहुत कम थी.

इस रैली या सभा का इकलौता आकर्षण मायावती को चांदी की थाली में रख कर दी गई चांदी की ही तलवार और उन के सिर पहनाया गया सोने का मुकुट था जिस से संदेशा यह गया कि बसपा अब गरीबगुरबों की पार्टी नहीं रह गई है. इस दृश्य को ले कर कइयों ने शायराना अंदाज में चुटकी जरूर ली. पर अल्पमात्रा में बचे बुद्धिजीवी बसपा समर्थकों की राय यह रही कि अब तो बहनजी को स्वर्ण मोह छोड़ देना चाहिए वरना मध्य प्रदेश में भी हश्र उत्तर प्रदेश से जुदा नहीं होगा.

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