हिंदी के प्रति देशवासी जिज्ञासु हैं और पूर्वाग्रही भी. जब तक उन्हें किसी भी संज्ञा या क्रिया का हिंदी शब्द नहीं मिल जाए तब तक वे उस का अस्तित्व ही नहीं स्वीकारते. ऐसा ही कुछ दिल्ली के एक सैमिनार में हुआ जहां वित्त मंत्री अरुण जेटली बुलेट ट्रेन पर मीडिया की अज्ञानता पर बोले तो एक देसी आदमी ने प्रतिप्रश्न दाग दिया कि, बताइए कि बुलेट ट्रेन को हिंदी में क्या कहते हैं?

इस अप्रत्याशित जवाबी हमले से जेटली लड़खड़ा गए और गिरने से बचने के लिए प्रश्नकर्ता को ही झाड़ दिया. पर बुलेट ट्रेन के हिंदीकरण पर शोध शुरू हो गया है. इस प्रहसन प्रसंग से बरबस ही 1960 में गठित एक आयोग की याद हो आई जिस के अध्यक्ष जानेमाने वैज्ञानिक दौलतचंद कोठारी थे. इस आयोग ने कई शब्दों यथा मीटर, लिटर, इंजन, रेडियो और मशीन आदि को यथावत रखा था. ऐसे में बुलेट ट्रेन की हिंदी भी बुलेट ट्रेन ही मान लेनी समझदारी की बात है.

 

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