बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दुख अपनी जगह वाजिब है कि बिहार में शराबबंदी के उन के फैसले को उतनी तारीफ, लोकप्रियता और प्रचार नहीं मिल रहा जितने के वे हकदार हैं. बीते दिनों नीतीश मध्य प्रदेश गए तो वहां के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर यह ताना कसने से नहीं चूके कि मध्य प्रदेश को म- प्रदेश मत बनाओ. हम से कुछ सीखो और यहां भी शराबबंदी लागू कर दो. इस के कई फायदे हैं. हालांकि बिहार हाईकोर्ट ने प्रदेश में शराबबंदी कानून को असंवैधानिक बताया है.
इधर, शिवराज सिंह चौहान की दिक्कत यह है कि उन्हें हर कोई नसीहत दे जाता है जिन में अपने ज्यादा होते हैं. अब इस जमात में नीतीश भी शामिल हो गए हैं. एक शराबबंदी के फैसले से प्रधानमंत्री के पद तक पहुंच जाने का ख्वाब देख रहे नीतीश ने मध्य प्रदेश में अपनी पार्टी की संभावनाएं टटोलते युवाओं से राजनीति में आने को कहा और सुशासन की भी व्याख्या विस्तार से की. यह देखना दिलचस्पी की बात होगी कि शिवराज सिंह उन से कुछ सबक लेते हैं या नहीं.