मेरी बेटी 6 साल की थी. मेरी बहन के जुड़वा बच्चे हुए. मेरी बहन तो गोरी थी पर बच्चे सांवले रंग के थे. मेरी बेटी ने बच्चों के बारे में पूछा तो मैं ने कहा कि मौसी इन्हें अस्पताल से लाई है. नामकरण पर अस्पताल की डाक्टर अपने बेटे को भी लाई जो गोरा था. मेरी बेटी उन के पास जा कर बोली, ‘‘अरे वाह, आप ने गोरे बच्चे को अपने पास रख लिया और मौसी को काले रंग के बच्चे दे दिए?’’ उसकी बात सुन कर सब लोग मुसकराने लगे.
चेतना अग्रवाल, कासगंज (उ.प्र.)
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मैं एक आया का काम करती हूं. मैं बेबी को ले कर उस के बड़े भाई को लेने के लिए रोज स्कूल बस स्टैंड पर जाती थी. एक दिन हम घर से छाता लेना भूल गए. रास्ते में धीरेधीरे बारिश होने लगी. मैं ने अपनी साड़ी के पल्लू से बेबी को बारिश से बचाने की कोशिश की. तब बेबी ने पूछा, ‘‘मौसी, यह आप क्या कर रही हो?’’
मैं ने बेबी को समझाया और कहा, ‘‘बेबी, आप बारिश में भीग जाओगी तो सर्दी और जुकाम हो जाएगा, बाद में बुखार भी आ जाएगा, आप के पापा की तरह.’’ उन दिनों में बेबी के पापा को जुकाम व बुखार था.
बेबी ने जवाब दिया, ‘‘मौसी, यह साड़ी अपने सिर के ऊपर डालो.’’
मैं ने पूछा, ‘‘क्यों?’’
‘‘मौसी, आप भी भीग जाओगी तो आप को भी तो सर्दी व जुकाम हो सकता है.’’ यह बात सुन कर मेरा दिल भर आया, मैं आगे कुछ नहीं बोल पाई.
मंजुला एस लिमगरासिया, बलसाड़ (महा.)
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मेरी पोती आहाना और पोता नमन मुझ से बहस कर रहे थे. नमन कह रहा था, ‘‘आप आहाना से ज्यादा प्यार करते हो.’’ आहाना कह रही थी, ‘‘आप नमन से ज्यादा प्यार करते हो.’’ मैं ने उन्हें समझाया, ‘‘आप दोनों मेरी दो आंखों की तरह हो, कोई अपनी एक आंख को ज्यादा और दूसरी को कम प्यार करता है क्या?’’ तो झट से दोनों ने अपनेअपने छोटे भाई का नाम ले कर बोला, ‘‘तो क्या आप आर्यन और अमन को प्यार नहीं करते?’’ इस से पहले कि मैं कुछ कह पाती, मेरा पोता नमन बोला, ‘‘दादी, चश्मा लगाती हैं न, तो दादी की चार आंखें हो गईं. तो दादी हम चारों को बराबर प्यार करती हैं.’’