मेरा 5 साल का बेटा बहुत बातूनी है. एक दिन पढ़ाई के दौरान जब मैं उसे सूरज और चंद्रमा के बारे में बता रही थी तो उस ने पूछा, ‘‘सूरज जब उगता है तो चंद्रमा कहां चला जाता है?’’
मैं ने कहा, ‘‘पहाड़ों के पीछे छिप जाता है. सूरज की रोशनी इतनी तेज होती है कि चंद्रमा दिखाई नहीं देता.’’
उस ने कहा, ‘‘सूरज के पास कोई गया है?’’
मैं ने कहा, ‘‘नहीं.’’
‘‘और चंद्रमा के पास?’’
मैं ने कहा, ‘‘हां. चंद्रमा पर तो बहुत लोग जा चुके हैं.’’
तो वह कहने लगा, ‘‘आप भी गई हैं?’’
मैं ने कहा, ‘‘नहीं.’’
‘‘हां, जाना भी मत, नहीं तो चंदा मामा टूट जाएंगे, आप इतनी मोटी जो हो.’’ उस की बात सुन कर मैं मुसकराए बिना न रह सकी.

रीता तिवारी, भिलाई (छग.)

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मेरा पोता आदित्य 5 साल का है. वह तेज दिमाग है और बोलने में भी तेज है. घर में कुछ मेहमान आए हुए थे. गपशप चल रही थी. इतने में वह आया. तभी एक मेहमान ने उस से दादा का नाम पूछा तो उस ने झट से सुरेंद्र प्रसाद गुप्ता कह दिया. फिर मेहमान ने उस से उस के पापा का नाम पूछा तो उस ने कहा, ‘पतिदेव अमित कुमार गुप्ता हैं.’ पतिदेव शब्द सुन कर हम लोग हंसे बगैर नहीं रह सके. असल में पतिदेव कह कर उस की मम्मी को लोग चिढ़ाया करते थे, जैसे- देखो, तुम्हारे पतिदेव आ गए हैं, पतिदेव को खाना दो, आदि.

सुरेंद्र प्रसाद गुप्ता, पटना (बिहार)

*

इलैक्शन के दिनों में घर में काफी लोग आते रहते थे. कोई कहता कि भारतीय जनता पार्टी अच्छी है, कोई कहता कि कांगे्रस अच्छी है तो कोई आम आदमी पार्टी को अच्छा बताता. एक दिन ऐसी ही बात हो रही थी, पास में 3 वर्षीय अंकित खड़ा था, तपाक से बोला, ‘‘मुझे तो बर्थडे पार्टी सब से अच्छी लगती है.’’ उस की बात सुन कर सभी खूब हंसे.

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