मेरी बेटी रिया 3 साल की है. मैं जो भी काम करती हूं उसे वह बड़े ध्यान से देखती है. मैं उस के लिए संतरे का रस महीन कपड़े से निचोड़ कर निकालती हूं.
एक बार मुझे कपड़े धोते और निचोड़ते देख रिया कुछ सोच कर बोली, ‘‘मम्मी, आप कपड़ों का जूस निकाल रही हैं?’’ यह सुन कर मुझे बहुत जोर की हंसी आ गई और मैं ने उसे गले से लगा लिया.
कुसुम भटनागर, गाजियाबाद (उ.प्र.)

हमारे पड़ोसी का 6 वर्षीय बेटा बड़ा नटखट और हाजिरजवाब है. एक दिन उस की मम्मी ने उस से कहा, ‘‘प्रत्यक्ष, तुम सोहम के साथ खेलना बंद करो. वह अच्छा लड़का नहीं है, तुम्हें भी बिगाड़ देगा.’’ प्रत्यक्ष तपाक से बोला, ‘‘मेरे साथ खेल कर सोहम सुधर भी तो सकता है.’’
यह बात सुनते ही हम लोगों की हंसी निकल गई, लेकिन उस की बात हमें अच्छी लगी.
निर्मल कांता गुप्ता, कुरुक्षेत्र (हरियाणा)

मेरा बेटा बहुत हाजिरजवाब है. पिछली बार परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त होने पर उस के पापा ने शाबाशी देते हुए कहा, ‘‘बेटा, तुम खूब पढ़ो और इतने महान बनो कि दुनिया के चारों कोनों में तुम्हारा नाम हो.’’
उस ने झट से उत्तर दिया, ‘‘महान तो मैं बन जाऊंगा पर एक समस्या है, पापा. दुनिया गोल है तो मेरा नाम चारों कोनों में कैसे फैलेगा?’’
उस का उत्तर सुन कर हम सब स्तब्ध रह गए.
शिवानी श्रीवास्तव, ग्रेटर नोएडा (उ.प्र.)

मेरे दोनों बच्चे अमेरिका में रहते हैं. मैं व मेरे पति अकसर उन से मिलने वहां जाते रहते हैं. इस बार हम जब बेटी के यहां से आ रहे थे तो बेटी बहुत रो रही थी. मेरा दिल भी बच्चों से बिछड़ते हुए दुखी था.
मेरी नातिन, जो 7 साल की है, मां को दुखी देख कर परेशान हो रही थी. फिर वह हमारे पास आ कर बोली, ‘‘आप क्यों रो रही हो, पापा तो नहीं रो रहे हैं.’’
जब हम दोनों रोतेरोते हंसने लगे तो वह बोली, ‘‘बताओ न मम्मी, नानूनानी जा रहे हैं तो आप की तरह पापा क्यों नहीं रो रहे?’’ उस की भोली बात सुन कर रोने से जो मन भारी था, हंस कर हलका हो गया.
स्नेह, मयूर विहार (दिल्ली)

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