मैं अपने बिजली के बिल जमा करवाने गया हुआ था. मेरे हाथ में 3 बिल देख कर साथ वाली लाइन में खड़ा लड़का बोला, ‘‘अंकलजी, यहां 2 से ज्यादा बिल एक बार में नहीं लेते. आज आखिरी तारीख है. आप एक बिल मुझे दे दो, मैं अपने बिल के साथ जमा करवा दूंगा.’’

लाइन साथ होने के कारण मैं ने एक बिल और पैसे उस को दे दिए. मेरी लाइन तेजी से बढ़ रही थी इसलिए मेरा नंबर भी जल्दी ही आ गया. बिल जमा कर के मैं जैसे ही मुड़ा तो देखा वह लड़का वहां से गायब है. मैं ने साथ वालों से पूछा तो एक ने बताया कि वह तो पानी पीने को कह कर गया है. काफी प्रतीक्षा के बाद भी उस के न लौटने पर मैं समझ गया कि वह लड़का दिनदहाड़े मेरे पैसे हड़प कर गया है.

मुकेश जैन ‘पारस’, बंगाली मार्केट (न. दि.)

 

एक दिन मैं बैंक गई थी. एक व्यक्ति ने बैंक से 15 हजार रुपए निकाले. कैशियर ने उसे हजारहजार के नोट भुगतान में दिए. व्यक्ति ने नोट लिए व बगैर गिने ही नकदी काउंटर छोड़ दिया. नोट ले कर वह व्यक्ति मुड़ा और नोट गिनतेगिनते मुख्य दरवाजे तक पहुंचा तो पाया कि 14 नोट ही हैं. वह व्यक्ति तुरंत वापस कैशियर के पास पहुंचा और उसे नोट वापस करते हुए बोला कि ये तो 14 नोट ही हैं. कैशियर ने जब नोट गिने तो 14 ही थे. पर उस ने कहा कि मैं ने तो 15 नोट गिन कर दिए थे. ग्राहक ने कहा, ‘‘मैं तो बस नोट गिन कर तुरंत वापस आ गया.’’ कैशियर ने अपना कैश चैक किया तो वह भी सही मिला. कुछ ग्राहक पीडि़त ग्राहक का पक्ष लेने लगे कि इतनी सी देर में वह नोट कहां गायब हो जाएगा. हो न हो कैशियर से ही कहीं चूक हुई है. कैशियर अपनी गलती मानने को तैयार नहीं था.

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