हम पति पत्नी घूमने के लिए अमेरिका गए थे. वाशिंगटन शहर के निकट ही पोटोमैक सिटी में हम अपने पारिवारिक मित्र दंपती के साथ ठहरे हुए थे. शनिवार का दिन होने के कारण सभी का अवकाश था. सो, सुबह ही खानेपीने की सारी तैयारियां कर हम ने मैरीलैंड के कई सीन देखने का प्रोग्राम बनाया. उस के बाद हमें गाड़ी से ही फिलाडैल्फिया जाना था. मित्र दंपती, उन की बेटी व उन के दोनों बच्चे तथा हम पतिपत्नी गाड़ी में बैठ कर निकल पड़े.

बड़ा ही सुहावना मौसम था. ठंडी हवा चल रही थी. इतने में बूंदाबांदी शुरू हो गई. मित्र ने एक बटन दबाया और उन की कार की छत का सामने वाला ऊपर का थोड़ा सा हिस्सा खुल गया. ठंडी हवाओं ने हमें अंदर तक सिहरा दिया. कमाल की बात यह थी कि बूंदें कार की छत पर गिरती दिख रही थीं किंतु हमें भिगो नहीं रही थीं. सड़क के दोनों ओर घने पेड़ लगे थे. तरतीब से कटी झाडि़यां, जो सड़क के दोनों तरफ थीं, वातावरण की शोभा बढ़ा रही थीं.

भैया ने कहा कि आप लोगों को एक मजेदार जगह दिखाता हूं, जरा सड़क पार करने का अनुशासन रखिएगा. हम कुछ पूछ पाते  तब तक गाड़ी उन्होंने एक जैब्रा क्रौसिंग पर रोक दी. दूसरी साइड की सभी गाडि़यां रुकी हुई थीं. हम ने देखा कि क्रौसिंग के बीचोंबीच एक बड़ी बतख खड़ी क्वैकक्वैक की आवाज कर रही है.

देखते ही देखते सड़क के एक किनारे झाडि़यों के करीब बड़ी से छोटी हर आकार की 15-16 बतखें निकलीं. अब मध्य में खड़ी बतख उन के निकट आई, क्वैकक्वैक की आवाज कर अपनी भाषा में उस ने कुछ समझाया, फिर स्वयं आगे बढ़ी. पीछे से कतारबद्ध सभी बतखें चलने लगीं. उन्हें मध्य सड़क तक ला कर वह वहीं खड़ी हो गई. अन्य सभी बतखें धीरेधीरे सड़क पार कर दूसरी तरफ के जंगलों में प्रवेश कर गईं. तब तक लगातार वह क्वैकक्वैक की आवाज करती रही.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...