बच्चे मेले से एक पीपनी खरीद लाए थे जो फूंकने पर बेहद तीखी आवाज करती है. कुछ देर के लिए तो कान झन्ना जाता है. एक दिन लगातार मेरे मोबाइल पर किसी मनचले का बारबार फोन आ रहा था. तंग आ कर मैं ने मोबाइल स्विच औफ कर दिया पर पता नहीं कहां से उस ने लैंडलाइन फोन हासिल कर लिया था. एकाएक दिमाग में एक खुराफात सूझी. फोन बजा, जैसे ही हैलो कहने पर उस ने बकवास शुरू की, मैं ने जोर से माउथपीस पर रख कर पीपनी बजा दी. वह कुछ बोलता, मैं पीपनी बजा देती. शायद कान झन्नाने से तंग आ कर उस ने फोन करना बंद कर दिया.

शशि गोयल, आगरा (उ.प्र.)

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वैन वाला ड्राइवर किसी के घर के आगे वैन खड़ी कर के चला गया. थोड़ी देर में जिन के घर के आगे वैन खड़ी थी वे लोग वापस आ गए. अब उन्हें अपनी गाड़ी पार्क करने में असुविधा हो रही थी. उन्होंने 10-15 मिनट तक वैन के ड्राइवर  का इंतजार किया कि शायद थोड़ी देर के लिए गया होगा, वापस आ जाएगा. लेकिन जब वह नहीं आया तो उन के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने उस वैन के 2 पहियों की हवा निकाल दी. थोड़ी देर बाद जब ड्राइवर वापस आया और उस ने 2 पहियों की हवा निकली देखी तो यह कह कर जाने लगा कि अब तो वह सुबह ही गाड़ी हटा पाएगा. रात हो गई है. मैकेनिक नहीं मिलेगा. दुकानें बंद हो चुकी हैं. वे सज्जन सकपका गए कि अब वे अपनी गाड़ी कैसे पार्क करेंगे. वे तुरंत अपने घर से हवा भरने का पंप लाए और खुद ने उस वैन के पहियों में हवा भरी. फिर ड्राइवर से बोले कि अपनी गाड़ी ले जाए. ड्राइवर शान से गाड़ी में बैठा और चलता बना.

– सतपाल सिंह, विष्णु गार्डन (न.दि.)

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मेरी एक सहपाठिन अकसर मेरे से 20-30 रुपए उधार ले लेती लेकिन कभी वापस नहीं करती थी. थोड़े पैसे होने के कारण मैं मांग नहीं पाती थी. एक दिन गृहविज्ञान की अध्यापिका ने हमें 2-2 लड़कियों के समूह में 1-1 चादर बना कर विद्यालय में जमा करने के लिए कहा. तभी मुझे एक उपाय सूझा. मैं और मेरी वही सहपाठिन जब चादर खरीदने के लिए बाजार जाने लगीं तो मैं ने उसे 50 रुपए थमाते हुए कहा, ‘‘ये 50 रुपए रखो और बाकी उन रुपयों में से काट लेना जो तुम ने मुझ से उधार लिए थे.’’ बस, बात बन गई, मजबूरन उसे मेरा यह प्रस्ताव स्वीकारना पड़ा.

– प्राक्षी त्यागी, मुजफ्फरनगर (उ.प्र.)

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