हम सब को अपने एक संबंधी के घर विवाह उत्सव पर जाना पड़ा. व्यस्त रहने के कारण मैं ने अपनी नन्ही पंखुरी को कहा, ‘‘मैं काम में व्यस्त हूं कहीं भूल न जाऊं, मुझे 2 बजे याद दिलाना. मुझे जरमनी में अपने भाई से फोन पर बात करनी है.’’ 2 बजने से आधा घंटा पहले ही पंखुरी मुझ से भाई को फोन करने की जिद करने लगी. मैं ने कहा, ‘‘फोन तो 2 बजे करना है.’’ इस पर वह कहने लगी, ‘‘इतनी दूर फोन करना है तो उसे पहुंचने में कम से कम आधा घंटा तो लगेगा.’’उस के मुख से ऐसी बात सुन कर मुझे हंसी आ गई.

- माया चावला, पश्चिम विहार (न.दि.)

मैं अपनी सहेली के घर गई थी. उस के 3 साल के भतीजे तन्व से मैं बातें कर रही थी कि तभी तन्व की मम्मी उस का लंचबौक्स ले कर आईं और खाना पूरा न खाने पर उसे डांटने लगीं. तन्व बड़े ही प्यार से खड़ा हुआ और फिर बोला कि मम्मी, इतना गुस्सा नहीं करते, छोड़ो, बंद करो इस लंचबौक्स को. और फिर अपनी मम्मी से लिपट कर प्यार से किस करते हुए बोला, ‘‘रहने भी दो न मम्मा, ये गुस्सा.’’ हम सभी की हंसी छूट गई और मैं सोचने लगी, काश हम भी इतनी समझदारी से अपने मातापिता का गुस्सा शांत कर पाते.

- रिचा राय, गाजियाबाद (उ.प्र.)

मेरी बड़ी बेटी प्रणवी 6 साल की थी. वैसे तो यह कम बोलती थी पर जब बोलती थी तो ऐसा कुछ बोलती कि सभी हंसहंस कर लोटपोट हो जाते. 1 अगस्त को मेरी बहन का जन्मदिन आता है. मैं दोनों बेटियों को बता रही थी कि मौसी का जन्मदिन है. सुन कर छोटी बेटी बोली, ‘‘ममा, हम जाएंगे.’’ मैं ने मना किया तो बेटी ने पूछा, ‘‘क्यों?’’ मैं ने टालने के लिए कह दिया कि बूढ़े लोग अपना जन्मदिन नहीं मनाते. सुन कर उस ने मुझे देखते हुए कहा कि अच्छा, ‘‘मैं ने तो देखा था एक बूढ़े को जन्मदिन मनाते.’’ मैं ने पूछा, ‘‘कैसे?’’इस पर वह शरारत से बोली, ‘‘दरअसल वह बुढि़या थी...’’ और हंसने लगी. उस की बातें सुन कर मेरी जोर से हंसी छूट गई.

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