क्या आप स्टेट बैंक आफ इंडिया के सब्सिडियरी बैंकों के ग्राहक हैं? यदि हां, तो आपको अब जल्द से जल्द नई चेकबुक के लिए अप्लाई कर देना चाहिए. क्योंकि एसबीआई द्वारा जारी किये गये निर्देश के तहत 30 सितंबर के बाद से आपकी पुरानी चेकबुक अमान्य हो जाएगी. इन पर लिखे हुए पुराने आईएफएस (Indian Financial System) कोड भी अवैध हो जाएंगे.

एसबीआई ने अपने सब्सिडियरी बैंकों के कस्टमर्स से कहा है कि वे जल्द से जल्द नई चेकबुक और आईएफएस कोड के लिए आवेदन कर दें. आपको बता दें कि एसबीआई से जुड़े सभी बैंक और भारतीय महिला बैंको के ग्राहकों पर यह आदेश लागू होगा. इसका अर्थ यह हुआ कि यदि आपका खाता छहों बैंकों (स्टेट बैंक आफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक आफ पटियाला, स्टेट बैंक आफ हैदराबाद, स्टेट बैंक आफ बीकानेर और जयपुर, स्टेट बैंक आफ रायपुर, भारतीय महिला) में से किसी एक में भी है तो आपको नई चेकबुक इश्यू करवाने के लिए आवेदन दे देना अनिवार्य है.

एसबीआई ने इस ट्वीट कर जानकारी दी कि ग्राहक नई चेक बुक के लिए इंटरनेट और मोबाइल बैंक के जरिए आनेदन कर सकते हैं. इसके अलावा एटीएम और होम ब्रांच में जाकर भी आनेदन कर सकते हैं.

इसी के साथ बता दें कि एसबीआई ने हाल ही में कहा है कि वह उपभोक्ताओं की प्रक्रिया मिलने के बाद मासिक औसत बैलेंस बरकरार नहीं रखने पर लगने वाले शुल्क की समीक्षा कर रही है.

बैंक के प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने कहा था कि उन्हें इस संबंध में उपभोक्ताओं की प्रतिक्रियाएं मिली हैं और अब वह उनकी समीक्षा कर रहे हैं. बैंक उन्हें ध्यान में रखकर और आंतरिक विमर्श करके ही उचित निर्णय लेगा कि वरिष्ठ नागरिकों या विद्यार्थियों के लिए शुल्क में सुधार की जानी चाहिए या नहीं.

बताते चलें कि पांच साल के अंतराल के बाद इस साल एसबीआई ने मासिक औसत बैलेंस बरकरार नहीं रखने पर शुल्क लागू किया था. इसके तहत खाते में मासिक औसत नहीं रख पाने पर 100 रुपये तक के शुल्क और जीएसटी का प्रावधान किया गया था. शहरों में मासिक औसत कीमत पांच हजार रुपये तय किया गया था. ग्रामीण इलाकों के लिए मासिक औसत कीमत 1000 रुपये तय किया गया था तथा इससे बरकरार नहीं रखने पर 20 से 50 रुपये जीएसटी का प्रावधान किया गया था.

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