अगर आप करोड़पति बनने की ख्वाहिश रखते हैं, तो आपको सरकार एक मौका दे रही है. इस नयी योजना के तहत आपको खास मेहनत की जरूरत नहीं है. बस आप अपने पड़ोसियों पर निगरानी रखना शुरू कर दें. सुनने में ये बात थोड़ा मजाकिया लग रह हो लेकिन यह जल्द ही हकीकत बनने वाली है.

दरअसल, नोटबंदी के बाद काले धन पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करने के लिए मोदी सरकार ने बेनामी संपत्ति को अपना निशाना बनाया था. इसी कड़ी में केंद्र सरकार उन मुखबिरों को 1 करोड़ रुपये तक का इनाम देने की तैयारी में है, जो उसे बेनामी संपत्ति रखने वालों के खिलाफ खुफिया जानकारी देंगे.

बताया जा रहा है कि यह योजना वित्त मंत्रालय के पास है. वित्त मंत्रालय और वित्त मंत्री की स‍हमति के बाद इसे सीबीडीटी द्वारा लागू किया जाएगा अगले महीने सरकार इस पहल का औपचारिक ऐलान कर सकती है.

सेंट्रल बोर्ड औफ डायरेक्ट टैक्स के अधि‍कारी ने बताया कि बेनामी संपत्ति की जांच कर रही जांच एजेंसियों को जानकारी मुहैया कराने वाले शख्स को 1 करोड़ रुपये का इनाम दिया जाएगा. नाम न बताने की शर्त पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया है कि सूचना देने वाले शख्स को कम से कम 15 लाख और अधिकतम 1 करोड़ रुपए का इनाम दिया जाएगा. इसके साथ ही उस शख्स की पहचान भी गुप्त रखी जाएगी ताकि उसकी सुरक्षा को लेकर कोई खतरा न हो.

अधिकारी ने बताया कि सूचना पुख्ता होनी चाहिए. उसकी जानकारी गुप्त रखी जाएगी. बेनामी संपत्ति कानून को पिछले साल ही संसद में पारित किया गया था. हालांकि इसमें किसी को इनाम देने का प्रावधान नहीं रखा गया है. बेनामी संपत्ति रखने वालों का पता लगाना आयकर और प्रवर्तन निदेशालय के लिए हमेशा से ही टेढ़ी खीर रहा है. सीबीडीटी से जुड़े अधिकारी का मानना है कि गुप्त सूचनाओं के आधार पर बेनामी संपत्तिधारियों को पकड़ना काफी आसान हो जाएगा और इससे पूरे देश में अभियान चलाया जा सकेगा.

अधिकारी के अनुसार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, एनफोर्समेंट डारेक्टोरेट, और डायरेक्टोरेट औफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस हमेशा से ही सूचना देने वालों को इनाम देता रहा है. हालांकि अब तक यह इनाम कुछ खास नहीं रहता था. ऐसे में अब इससे जल्दी और आसानी से बेनामी संपत्ति के बारे में जानकारी मिल पाएगी. यह योजना फिलहाल, वित्त मंत्रालय के पास है. वित्त मंत्रालय और वित्त मंत्री की स‍हमति के बाद इसे सीबीडीटी द्वारा लागू किया जाएगा. अक्टूबर या नंवबर में इसकी घोषणा हो सकती है.

पहले भी दिया जाता था इनाम

अधिकारी के अनुसार आईटी विभाग, ईडी, और डायरेक्टोरेट औफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस हमेशा से ही सूचना देने वाले लोगों को इनाम देता रहा है. हालांकि इस इनाम की रकम बहुत बड़ी नहीं होती थी. अगर रकम इतनी बड़ी होगी तो बेनामी संपत्ति के बारे में जानकारी मिलने में आसानी भी होगी और ऐसे मामलों में तेजी भी आएगी.

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