शेयर बाजार नए वित्तवर्ष की शुरुआत में उड़ान पर है. चालू वित्तवर्ष के पहले सप्ताह बौंबे स्टौक एक्सचेंज यानी बीएसई का सूचकांक रिकौर्ड ऊंचाई पर पहुंचा और 30,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के  करीब पहुंच गया. नए वित्तवर्ष के पहले सप्ताह में बाजार को जो पंख लगे उसे सीरिया में हुए जैविक हमले के कारण अमेरिकी कार्यवाही से अमेरिका और रूस के बीच बने तनाव के माहौल से झटका लगा. रूस ने सीरिया के हमले का समर्थन किया है जबकि अमेरिका ने इस हमले को मानवता के खिलाफ बता कर सीरिया पर मिसाइलों से हमला किया. इस तनाव का बाजार पर असर जरूर देखने को मिला लेकिन विनिर्माण क्षेत्र से लगातार मिल रहे सकारात्मक संकेतों तथा रुपए के 20 माह के शीर्ष पर पहुंचने के कारण निवेशकों में उत्साह का माहौल है. इस उत्साह की बुनियाद में वस्तु एवं सेवाकर यानी जीएसटी विधेयक का संसद में पारित होना भी है.

देश में कर सुधारों के लिए लाया गया यह एकीकृत विधेयक संसद में पारित होने के बाद राष्ट्रपति के पास जाएगा और उन की मुहर लगने के बाद देश में कर में सुधारों की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस के अलावा बीते वित्त की चौथी तिमाही के परिणाम भी अच्छे रहने की उम्मीद है. बाजार का रुख क्या रहेगा, यह चौथी तिमाही के परिणामों पर भी काफी निर्भर करेगा. इस दौरान नैशनल स्टौक एक्सचेंज में भी तेजी रही है.

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