'बाय वन गेट वन' स्कीम का जलवा गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के लागू होने पर कम हो सकता है. मॉडल जीएसटी लॉ में एक प्रोविजन है, जिससे एक सामान खरीदने पर मिलने वाले मुफ्त माल पर टैक्स लग सकता है. इस प्रोविजन से 'पॉपुलर सेल्स स्कीम' पर बुरा असर पड़ेगा. उन्होंने इस प्रोविजन पर तस्वीर साफ करने की मांग की है क्योंकि इसके मुताबिक बिजनेस प्रमोशन के लिए दिए जाने वाले फ्री सैंपल्स भी जीएसटी के दायरे में आएंगे.

पीडब्ल्यूसी में नेशनल इनडायरेक्ट टैक्स लीडर प्रतीक जैन ने बताया, 'बिना पैसे के दिए जाने वाले सामान को जीएसटी मॉडल लॉ में टैक्सेबल बनाया गया है.' इसका मतलब यह है कि फ्री मिलने वाले सामान पर बायर को जीएसटी देना होगा.

जैन ने कहा, 'फ्री सप्लाइज पर किसी डायरेक्ट या इनडायरेक्ट जीएसटी से कंपनियों के सेल्स एंड मार्केटिंग एक्सपेंडिचर पर बड़ा असर पड़ सकता है. खासतौर पर कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स कंपनियों पर.'यह प्रोविजन मौजूदा एक्साइज ड्यूटी नियमों के मुताबिक है. इसमें फ्री प्रॉडक्ट पर भी टैक्स लगता है.

सरकार जीएसटी के जरिये पूरे देश को सिंगल मार्केट में बदलना चाहती है. यह इनडायरेक्ट टैक्स का नया सिस्टम होगा, जो अभी मौजूद सभी टैक्स की जगह लेगा. ड्राफ्ट जीएसटी लॉ में जीएसटी क्रेडिट के रिवर्सल के बारे में कहा गया है. इसका मतलब यह है कि जिन चीजों को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाएगा, उन पर ड्यूटी रिफंड की जाएगी. हालांकि, इसमें यह नहीं बताया गया है कि फ्री गुड्स एंड सप्लाइज इस दायरे में आएंगे या नहीं.

 

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