वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में तेजी के रुझान, दिसंबर में तीसरी तिमाही में कंपनियों के परिणाम, रुपए में लगातार मजबूती रहने तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी आने के कारण शेयर बाजार का रुख बदला, इस में उत्साह आया और यह तेजी की तरफ रहा.
उतारचढ़ाव के बीच शेयर बाजार में इस दौरान स्थिति सकारात्मक रही और सूचकांक 28,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर चला गया. इस अवधि में रुपए में तेजी का माहौल रहा और फरवरी के पहले सप्ताह में यह 3 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. इस से पहले सप्ताह में अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 7 मुसलिम देशों में आव्रजन वीजा पर रोक लगाने का जबरदस्त असर बाजार पर देखने को मिला.
बाजार के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियां उत्साहजनक साबित नहीं हो रही हैं
और इसी से घबरा कर उन की ताजपोशी केसमय दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट रही. इस के बाद बाजार में सुधार हुआ और अच्छे संकेतों के कारण सूचकांक 675 अंक की तेजी तक पहुंचा. इस दौरान स्टेट बैंक औफ इंडिया तथा अन्य प्रमुख सेवाओं के परिणाम अच्छे रहने का बाजार पर जोरदार असर रहा और सूचकांक तेजी पर बंद हुआ. साथ ही, चौतरफा अच्छे संकेतों के कारण बाजार मजबूती पर रहा.
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