इनकम टैक्स अच्छे-अच्छों की नींद उड़ा देता है. कुछ महानुभाव लोग तो साम दाम दंड भेद से इसके शिकंजे से बच जाते हैं, पर कुछ मासूमों पर आयकर भी भारी मार पड़ती है. ये वे लोग हैं जिनको टैक्स काटने के बाद ही सैलेरी नसीब होती है. सरकार के भी रंग अजीब हैं. सरकार ने नोटबंदी कर ईमानदारों की नींद हराम करने में कोई कसर बाकी न रखी. जो धांधली करते थे, धांधली करने के नए तरीके कब का निकाल चुके होंगे.
सरकार ने टैक्स न भरने वालों पर एक बार फिर दया दिखाई है. केंद्र सरकार ने 100 रुपए तक के बकाया इनकम टैक्स वाले लोगों का टैक्स माफ कर दिया है. ऐसे करीब 18 लाख बकाएदार हैं, जिनके ऊपर 100 रुपए तक का आयकर बकाया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने मिलकर यह फैसला लिया है.
सरकार का नुकसान, आपका फायदा
सरकार के इस फैसले से सरकार को तकरीबन 7 करोड़ रुपए नुकसान होगा. बताया जा रहा है कि इस फैसले से करीब 18 लाख मामले खत्म हो जाएंगे. इसका मसकद प्रशासनिक कार्यकुशलता में सुधार करना और कर संग्रह की लागत कम करना है. जिन लोगों के बस कुछ रुपयों के कर बकाए हैं उन्हें आसानी से रिफंड दिया जा सकेगा.
वित्त मंत्री ने भरी हामी
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी इस माफीनामे पर अपनी मुहर लगा दी है. जेटली ने इस कदम को डेलीगेशन ऑफ पावर रूल्स, 1978 के तहत मंजूरी दी है, जिसमें वित्त मंत्री को कोई भी टैक्स बकाया माफ करने का अधिकार है. इस नियम के तहत मुख्य आयुक्तों को 25 लाख रुपये तक का बकाया माफ करने का अधिकार है.
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