अब बैंक काउंटर पर 4,500 के नोट एक्सचेंज कराने वालों को चुनाव की तर्ज पर उंगली पर नहीं मिट सकने वाली स्याही लगाई जाएगी. इसके जरिये यह पक्का किया जाएगा कि लोग नोट एक्सचेंज कराने के लिए फिर से लाइन में ना लगें. इसका मकसद मनी लॉन्ड्रिंग रोकना और लोगों की सहूलियतें बढ़ाना है. सरकार ने जन धन खाताधारकों को भी सावधान किया है कि वे बेईमान लोगों के बहकावे में आकर उन्हें अपने एकाउंट्स के इस्तेमाल की इजाजत ना दें.

एक अधिकारी ने बताया, 'सरकार को यह बात पता चली है कि कई जगहों पर एक ही आदमी नोट बदलने के लिए कई बार लाइन में लग रहा है. हमें कुछ ऐसे लोगों के बारे में भी सूचना मिली है, जो ब्लैक मनी को व्हाइट में बदलने की कोशिश कर रहे हैं और उन्होंने ऐसे लोगों का संगठित ग्रुप बना लिया है, जिन्हें नोट बदलने के लिए एक से दूसरे ब्रांच में भेजा रहा है.'

सरकार ने करेंसी नोटों की किल्लत के कारण जरूरी सामानों की सप्लाई पर नजर रखने के लिए कैबिनेट सेक्रेटरी की अगुवाई में उच्चस्तरीय कमेटी बनाई है. दास ने बताया कि अलग-अलग एजेंसियों के अधिकारियों को मिलाकर एक टास्क फोर्स बनाया गया है, जिसका काम कुछ संवेदनशील इलाकों में नकली करेंसी के सर्कुलेशन और सिस्टम में जमा हो रही ब्लैक मनी पर नजर रखना है.

कैश के तेजी से वितरण के लिए माइक्रो एटीएम का इस्तेमाल बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. दास ने बताया कि सरकार जन धन खाते में डिपॉजिट पर कड़ी नजर रख रही है. दरअसल, ब्लैक मनी डिपॉजिट करने के लिए कई ऐसे खातों का गलत इस्तेमाल हो रहा है.

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