सरकार के नोट बैन के फैसले से आम जनता को बहुत परेशानी हो रही है. पर नोट बैन से बैंक के कैशियर्स भी बहुत प्रभावित हो रहे हैं. कई बैंक ऑफिसर्स के मुताबिक कैशियर्स को अपने अकाउंट्स सेटल करते वक्त रोजाना अपनी सैलरी में कम से कम 2,000 रुपये का नुकसान हो रहा है. एक ब्रांच में हर दिन कम से कम 1.35 करोड़ रुपये की करेंसी एक्सचेंज की जा रही है. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि डिपॉजिट से ज्यादा पैसे निकल जाते हैं. इस अमाउंट को कैशियर की सैलरी से काट लिया जाता है.

4,500 रुपये तक के नए करेंसी नोट्स पाने के लिए पांच साल के बच्चे भी आधार कार्ड के साथ लाइन लगा रहे हैं. केंद्र ने अब इलेक्शन में फर्जी वोटिंग को रोकने में इस्तेमाल आने वाली स्याही का उपयोग करेंसी एक्सचेंज करने की प्रक्रिया में करने का फैसला किया है. जल्द न मिटने वाली यह स्याही 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट्स बदलने वाले व्यक्ति के दाएं हाथ की उंगली में लगाई जाएगी. एक ही व्यक्ति कई बार करेंसी बदलने के लिए आ रहे हैं, जिससे बैंकों में लंबी लाइनें लग रही हैं. इंक मार्किंग के साथ-साथ बैंकों में लगने वाली भीड़ को मैनेज करने के लिए यह फैसला लिया गया है.

बैंकों और एटीएम के बाहर लगने वाली भीड़ को कम करने की कोशिश के तहत फाइनेंस मिनिस्ट्री ने रविवार को करेंसी एक्सचेंज फैसिलिटी और डेली कैश विदड्रॉल लिमिट में छूट की घोषणा की थी. इसके बाद बैंकों को वरिष्ठ नागरिकों और दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए अलग लाइनें लगाने की सलाह दी गई.

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