पनामा पेपर्स लीक कांड को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ा कदम उठाया है. रिजर्व बैंक ने यह कदम सरकार द्वारा मल्टी जांच एजेंसियों से जांच कराने की घोषणा करने के बाद उठाया है.

पनामा पेपर्स लीक कांड में जिन भारतीयों का नाम उजागर हुआ है, रिजर्व बैंक ने उनके द्वारा विदेशों में भेजे गए धन की जानकारी बैंकों से मांगी है. केन्द्रीय बैंक से जुड़े सूत्रों के अनुसार रिजर्व बैंक यह जानना चाहता है कि किन लोगों ने रिजर्व बैंक के लिबरेलाइज्ड रेमिटांस स्कीम (एलआरएस) का लाभ उठाया है.

रिजर्व बैंक ने हर साल भेजे गए धन का ब्यौरा बैंकों से मांगा है. पनामा की लॉ फर्म मोसैक फोंसिका के दस्तावेजों के खुलासे में अभिनेता अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय, सुप्रीम कोर्ट के वकील हरीश सालवे, डीएलएफ के चेयरमैन के पी सिंह समेत लगभग 500 भारतीयों के नाम शामिल हैं.

सरकार ने घोषणा की थी कि जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनके खातों के बारे में जांच की जाएगी. उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक की लिबरेलाइज्ड रेमिटांस स्कीम (एलआरएस) के तहत कोई भी भारतीय हर वित्तीय वर्ष में 2,50,000 डॉलर की राशि करेन्ट या कैपिटल एकाउंट्स में लेनदेन कर सकता है.

 

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