वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि 2 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले छोटे व्यापारी और कंपनियां अगर बैंक और डिजिटल माध्यमों से भुगतान स्वीकार करते हैं तो उन्हें कम कर देना होगा.

उन्होंने कहा कि 2016-17 के बजट में 2 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले ऐसे छोटे व्यापारियों एवं व्यवसायिओं, जो समुचित खाते नहीं रखते हैं, उनके बारे में मान लिया गया था कि उन्होंने कर के लिहाज से 8 प्रतिशत आय या लाभ कमाया. किन्तु यदि वे भुगतान के डिजिटल माध्यम अपनाएंगे तो उनकी आय कारोबार का 6 प्रतिशत मानी जाएगी न कि 8 प्रतिशत.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक नोटिस में कहा, ‘कानून की धारा 44एडी के तहत लाभ को कारोबार का 8 प्रतिशत माने जाने की मौजूदा दर को कम कर छह प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है. यह 2016-17 के लिये बैंक चैनल डिजिटल माध्यमों से प्राप्त कुल कारोबार या सकल प्राप्ति की राशि के संदर्भ में लागू होगा.’ यह फैसला सरकार के अर्थव्यवस्था में नकदी के कम उपयोग के लक्ष्य हासिल करने और डिजिटल माध्यमों से भुगतान स्वीकार करने वाले छाटे कारोबारियों, कंपनियों को प्रोत्साहन देने के मकसद से किया गया है.

कर विभाग ने यह भी कहा, ‘हालांकि कानून की धारा 44एडी के तहत उस स्थिति में जबकि कुल कारोबार या सकल प्राप्ति नकद में हासिल की जाती है तो कर लगाने के लिये लाभ को आठ प्रतिशत ही माना जाएगा.’ सीबीडीटी ने कहा कि इस संदर्भ में विधायी संशोधन वित्त विधेयक 2017 के जरिये किया जाएगा. नोटबंदी के बाद सरकार ने नकद रहित लेन-देन को बढ़ावा देने के लिये कई उपाय किये हैं.

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