सरकार नें मंगलवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक सहित 13 सरकारी बैंकों को 22,915 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई है. इन बैंकों के कर्ज परिचालन को बेहतर बनाने के लिए और साथ ही बाजार से बेहतर पूंजी जुटाने के लिए सक्षम बनाने के लिए यह पूंजी उपलब्ध कराई गई है. बजट में किए गए एलानों को पूरा करते हुए ऐसा किया गया है. बैंकों में सबसे ज्यादा 7575 करोड़ रुपए की पूंजी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(एसबीआई) को मिलेगी. नॉन परफर्मिंग एसेट की समस्या से जूझ रह सरकारी बैंकों के लिए यह राहत की खबर है.

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराने की प्रक्रिया उनके पिछले पांच साल की कर्ज वृद्धि की संयोजित सालाना वृद्धि दर, कर्ज वृद्धि के उनके अपने अनुमान और हर सरकारी बैंक की वृद्धि की संभावना के वस्तुनिष्ठ आकलन पर आधारित है. पूंजी आबंटन योजना की घोषणा के बाद सरकारी बैंकों के शेयरों में तेजी आई है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के बजट में सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए 25,000 करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव किया था. उन्होंने कहा था, ‘अगर इन बैंकों को अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होती है तो हम ऐसा करने के लिए संसाधन की तलाश करेंगे. हम इन बैंकों के पीछे मजबूती से खड़े हैं.’ सरकार द्वारा पिछले साल घोषित इंद्रधनुष कार्य योजना के तहत अगले चार साल में सरकारी बैंकों में 70,000 करोड़ रुपए डाले जाएंगे जबकि उन्हें बासेल-3 के वैश्विक जोखिम मानदंड के मद्देनजर और 1.1 लाख करोड़ रुपए जुटाने होंगे.

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