केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कालाधन छुपाने वालों को आगाह करते हुए कहा कि उसने बड़ी राशि के लेन-देन से जुड़ी नौ लाख जानकारियों का डेटाबेस बनाया है. बोर्ड इस जानकारी का मिलान इस समय चल रही एकमुश्त कालाधन अनुपालन सुविधा योजना की घोषणाओं के साथ करेगा.

सीबीडीटी के चेयरमैन अतुलेश जिंदल ने कहा कि इस तरह की अघोषित संपत्ति व नकदी रखने वालों को आगे आना चाहिए और आय घोषणा योजना (आईडीएस) का लाभ उठाते हुए इसकी घोषणा करनी चाहिए. यह योजना 30 सितंबर तक खुली है. उन्होंने कहा, 'एक विस्तृत ब्यौरा तैयार किया गया और हमने बड़ी राशि के लेनदेन व संभावित अघोषित आय के मामलों से जुड़ी सूचनाओं के नौ लाख आंकड़ों का डेटाबेस तैयार किया है. इस डेटाबेस की प्राथमिकता तय की गई है. अन्य प्रवर्तन उपायों के साथ कर चोरी रोकने के लिए यह भी एक उपाय है. हम करदाताओं को पत्र जारी करेंगे और उन्हें बताएंगे कि हमारे पास सूचना है.'

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, 'हम निश्चित रुप से उन्हें पाक साफ होने का अवसर देना चाहेंगे. लोगों को इस सुविधा का फायदा उठाना चाहिए. हम यह कहना चाहते हैं कि हमारे पास यह डेटाबेस है और हम उन्हें इससे अवगत कराएंगे. आईडीएस का इस्तेमाल करने या नहीं करने का विकल्प उनके पास होगा.'

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