मोदी सरकार ने नोटबंदी के बाद आम आदमियों को तो डेढ़ महीने तक लाइनों में खड़ा रखा, लेकिन काले धन के असल कुबेरों पर हाथ तक नहीं डाला. वजह शायद यह थी कि इन में से कई के भाजपा से करीबी रिश्ते थे.

नोटबंदी के समय जिन परिवारों में बेटे या बेटी की शादी थी, उन्होंने या तो बिना पैसे के सामान्य शादी की या आगे के लिए स्थगित कर दी. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने इस माहौल में भी शादी पर करोड़ों रुपए पानी कर तरह बहाए.

कर्नाटक के खनन उद्योग के किंग और पूर्व भाजपा के मंत्री जर्नादन रेड्डी भाजपा के बेहद करीबी हैं. बताया जाता है कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी में 500 करोड़ रुपए खर्च किए. इस शादी में कांग्रेस और भाजपा के कई बडे़ नेताओं ने तो शिरकत की ही, 50 हजार मेहमान भी शामिल हुए.

अंतरराष्ट्रीय मीडिया तक में चर्चित यह शादी तब ज्यादा सुर्खियों में आई जब भूमि अधिग्रहण अधिकारी और जर्नादन रेड्डी के करीबी भीमा नायक के ड्राइवर रमेश ने माड्या जिले के मड्डूर स्थित एक लौज में आत्महत्या कर ली. रमेश ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि वह जिस अधिकारी का ड्राइवर है उस ने मनी लांड्रिंग में जर्नादन रेडडी की मदद की थी.

रमेश ने अपने सुसाइड नोट में आगे लिखा कि मुझे पता है कि मेरे साहब जर्नादन रेड्डी का 100 करोड़ रुपए का काला धन सफेद करा रहे हैं, मैं यह बात जानता हूं इसलिए मुझे मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है, धमकियां मिल रही हैं.

इसी दौरान केरल में कांग्रेस के पूर्व मंत्री अडूर प्रकाश के बेटे की शादी शराब करोबारी बीजू रमेश की बेटी से हुई. इस शादी में भी पानी की तरह पैसा बहाया गया. शादी के लिए अक्षरधाम मंदिर की तरह दिखने वाला मंडप तैयार किया गया. विवाह स्थल बाहर से मैसूर पैलेस जैसा लग रहा था. इस शादी में करीब 20 हजार मेहमान आए.

8 एकड़ जगह को फिल्म के सेट की तरह सजाया गया. पूछने पर बीजू रमेश ने बताया, ‘मेरे पास ब्लैकमनी नहीं है. मेरे तमाम कारोबार हैं, जहां से पैसा आता रहता है. रमेश कुछ भी कहें, लेकिन जानने वाले हकीकत जानते हैं.

जब पूरा देश पैसे के लिए कतारों में खड़ा था, कुछ लोग ऐसे भी थे जो ऐश कर रहे थे. कर्नाटक के प्रदेश राजमार्ग विकास परियोजना अधिकारी एस.सी. जयचंद्रन के पास से 5.7 करोड़ रुपए के नोट पकड़े गए. उन्होंने अफसरों से कहा, ‘कुछ देर पहले आते तो 40 करोड़ मिलते.’ जयचंद्रन ने इस के लिए अपने बेटे त्रिजेश को जिम्मेदार बताया, जिसे लेंबोरगिनी और पोर्शे जैसी महंगी कारों का शौक था.

तमिलनाडु के एलेम से भाजपा युवा मोर्चा के नेता जे.वी.आर. अरुण नोटबंदी के बाद डिमौनेटाइजेशन के समर्थक के रूप में उभरे थे.

पकड़े जाने के बाद एक हफ्ते पहले ही उन्होंने फेसबुक पर लिखा था, ‘देश के लिए चलिए आज कतार में खड़े होते हैं.’ जे.वी.आर. अरुण के पास से 22.55 लाख के 2000 के नोट पकडे़ गए. उस की कार में भी2000 के 926 नोट मिले. जे.वी.आर. अरुण को पार्टी से निकाल दिया गया.

कर्नाटक के चल्लाकेर से जनता दल (एस) के नेता के.सी. वीरेंद्र 3 बड़े कैसिनो चलाते हैं. वीरेंद्र पर सट्टेबाजी के भी आरोप हैं. उस के पास 2000 रुपए के 5.5 करोड़ के नए नोट पकड़े गए. साथ ही 28 किलो सोना भी. यह सब बाथरूम में छिपा कर रखा गया था.

तमिलनाडु के चेन्नै के ठेकेदार, अन्नाद्रमुक सदस्य और तिरूपति देव स्थानम ट्रस्ट के सदस्य शेखर रेड्डी के पास से 2000 के नोटों की शक्ल में 70 करोड़ रुपए बरामद हुए इन के 2 सहयोगियों श्रीनिवासुलू और प्रेम के यहां भी आयकर के छापे पड़े, जहां से बड़ी नकदी मिली.

पश्चिम बंगाल के राजनीगंज से भाजपा के नेता मनीष शर्मा के पास से 33 लाख रुपए की नई करेंसी मिली. मनीष के साथ उस के  5 साथियों को भी पकड़ा गया. इन लोगों के पास नकदी के अलावा हथियार भी मिले.

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