चालू वित्त वर्ष में आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 है और इसमें देरी करने पर आपको जुर्माना भी देना पड़ सकता है. अगर आपकी सालाना आय 2 लाख 50,000 रुपये से ज्यादा तो आपको आयकर रिटर्न भरना चाहिए. आमतौर पर लोग रिटर्न दाखिल करने से बचते हैं, लेकिन जानकारी के लिए आपको बता दें कि आयकर रिटर्न दाखिल करने के पांच बड़े फायदे भी होते हैं. हम अपनी इस खबर में आपको इसी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.

लोन मिलने में रहती है आसानी

अगर आप हर साल अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं तो आपको लोन लेने में आसानी हो सकती है. आईटीआर आपकी आमदनी का प्रूफ होता है और निजी क्षेत्र के अधिकांश बैंक इसे प्रूफ के तौर पर स्वीकार करते हैं. आमतौर पर बैंक लोन देने से पहले इसकी मांग करते हैं.

रिफंड पाने में होती है आसानी

अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपका नियोक्ता आपकी सैलरी से टीडीएस की कटौती करता है. हालांकि अगर आपने टैक्स बचाने के लिए कहीं निवेश कर रखा है तो यह आपकी टैक्सेबल इनकम को कम कर देता है. आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दौरान इसका उल्लेख करना होता है और आपकी सैलरी से काटी गई अतिरिक्त राशि आपको वापस (रिफंड) कर दी जाती है. यानी आईटीआर रिफंड पाने में भी सहूलियत प्रदान करता है.

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जुर्माने से बच जाते हैं आप

हालांकि टैक्स फाइल न करने की सूरत में आपको तत्काल नोटिस नहीं भेजा जाता है लेकिन अंतत: यह आपको भेजा ही जाता है. तय तारीख निकल जाने के बाद भी आप रिटर्न फाइल कर सकते हैं लेकिन तब आपको पेनल्टी देनी पड़ती है जो कि 5,000 से 10,000 के बीच हो सकती है. इसमें आपको आयकर की धारा 234A के अंतर्गत ब्याज भी देना पड़ सकता है.

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