केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विश्वास जताया है कि अगर अर्थव्यवस्था की विकास दर अनुमान के अनुरूप रही तो भारत अगले साल ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. हालांकि उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमत और ग्लोबल ट्रेड वार चुनौतियां पैदा कर सकता है.
‘ग्रामीण भारत को कांग्रेस ने दिए नारे, प्रधानमंत्री मोदी ने दिए संसाधन’ शीर्षक वाले अपने फेसबुक पोस्ट में जेटली ने कहा है कि अगर अनुमान के अनुसार देश की विकास दर रही तो अगले साल हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे. अभी ब्रिटेन पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. उन्होंने कहा कि पिछले चार साल से भारत दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था बना हुआ है. अगले एक दशक तक देश की तेज विकास दर बनी रहने की संभावना है.
विश्व बाजार में अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. उसने फ्रांस को पछाड़कर यह स्थान हासिल किया है. अब फ्रांस सातवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है. इस सूची में अमेरिका शीर्ष पर है. इसके बाद चीन, जापान, जर्मनी और ब्रिटेन का स्थान आता है. भारतीय अर्थव्यवस्था के 2017 में प्रदर्शन के आधार पर उसे छठा स्थान मिला है. भारत का सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) 2017 के अंत में 2.59 ट्रिलियन डौलर रहा था, जबकि फ्रांस की जीडीपी 2.58 टिलियन डौलर थी.
जेटली ने कहा कि ईज औफ डूइंग बिजनेस और पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में भारत की रैंकिंग में काफी सुधार हो चुका है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमत और ट्रेड वार की चुनौतियों के बीच भारत कारोबार के लिए उपयुक्त देश बनकर उभरा है. चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास दर फीसद के बीच रहने का अनुमान है. जबकि पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में विकास दर 6.7 फीसद रही थी.
जेटली ने कहा कि विश्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार फ्रांस को पीछे छोड़कर भारत छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. लेकिन आबादी में भारी अंतर होने के कारण प्रति व्यक्ति आय में अभी दोनों देशों के बीच बहुत अंतर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि ग्रामीण भारत और वंचित वर्गो को संसाधनों पर पहला अधिकार मिले. इन वर्गो के विकास और सरकारी खर्च में वृद्धि से अगले दशक के दौरान देश के ग्रामीण गरीब को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा.