मौजूदा समय में बनाई गई पौलिसी आने वाले समय में जीवनयापन के स्तर पर सकारात्मक असर डालेंगी. ओईसीडी की तरफ से आने वाले समय के आर्थिक परिदृश्य के बारे में यह बात कही गई है. ओईसीडी की तरफ से यह भी कहा गया है कि साल 2060 तक पूरे ग्लोबल आउटपुट का 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा भारत और चीन के पास होगा. ब्लूमबर्ग में प्रकाशित इस रिपोर्ट में भविष्य को लेकर और भी कई अहम तथ्यों पर प्रकाश डाला गया है.

चीन और भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ी

रिपोर्ट में बताया गया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति में मंदी आई है लेकिन एशिया के दो प्रमुख राष्ट्रों पर इसका असर नहीं है, बल्कि इनकी गति में पहले के मुकाबले तेजी आई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह आने वाले समय में आर्थिक शक्ति का केंद्र एशिया होगा. ब्लूमबर्ग में प्रकाशित रिपोर्ट में रोबोट्स को लेकर ज्यादा चिंता जाहिर नहीं की गई है बल्कि सामाजिक और आर्थिक मामलों पर ज्यादा चर्चा की गई है.

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जीवनयापन स्तर में तेजी से बदलाव होगा

ओईसीडी का कहना है कि इस हालात में आने वाले समय में प्रति व्यक्ति आय में भी बढ़ोतरी होगी और ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रशिया, इंडिया, इंडोनेशिया और साउथ अफ्रीका) के जीवनयापन के स्तर में तेजी से बदलाव होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2060 तक भारत और चीन के पास दुनिया के टोटल आउटपुट का 50 प्रतिशत हिस्सा होगा. यानी के दोनों के पास 20 से 25 फीसदी हिस्सा होगा, जो कि काफी अहम होगा.

अमेरिका और चीन में अंतर बढ़ेगा

रिपोर्ट में अमेरिका और चीन के बीच तेजी से अंतर बढ़ने का जिक्र किया गया है. ओईसीडी का कहना है कि इससे आने वाले समय में काफी तेजी से ट्रेंड में बदलाव आएगा, जिससे देशों में श्रम-दक्षता वृद्धि और आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण में दशकों लंबी शुरुआत होगी. 1990 के औसत टैरिफ पर लौटने से 2060 तक वैश्विक जीवन स्तर मानकों में 14 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है. ओईसीडी का कहना है कि पारिवार के लिए ज्यादा खर्च, टैक्स का कम दबाव और सरकारी कार्यक्रमों की मदद से बेरोजगारी को खत्म करने में भी मदद मिलेगी.

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