लगातार हो रहे बैंक घोटालों से देश के अर्थ जगत में हलचल मची हुई है. राजनीतिक गलियारों में भी विपक्षी दल सरकार को इस मुद्दे पर लगातार घेर रहे हैं. पंजाब नेशनल बैंक से शुरू हुए घोटालों का सिलसिला करीब दर्जनभर बैंकों को अपनी गिरफ्त में ले चुका है. इन घोटालों पर देश के शीर्ष बैंक भारतीय रिजर्व बैंक की भूमिका पर भी सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं. बैंक घोटालों पर आरबीआई की भूमिका को लेकर वित्त मामलों की एक संसदीय समिति ने आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल को नोटिस जारी कर समिति के सामने पेश होने को कहा है.

संसद की एक समिति ने रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल को 17 मई को उसके समक्ष पेश होने को कहा है. जानकारी मिली है कि हाल ही में उजागर हुए लगातार बैंक घोटालों के सिलसिले में जवाब-तलब करने के लिए गर्वनर की समिति के सामने पेशी होनी है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता एम. वीरप्पा मोइली की अगुवाई वाली वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने मंगलवार को वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार से बैंकिंग क्षेत्र पर कई सवाल पूछे. नोटबंदी के समय भी आरबीआई गवर्नर संसदीय समिति के समक्ष पेश हो चुके हैं.

17 मई को होगी पेशी

जानकारी मिली है कि समिति ने 17 मई को गर्वनर पटेल को उपस्थित होने को कहा है. क्योंकि समिति उनसे बैंक घोटालों और अन्य बैंकिंग नियमनों के बारे में जानना चाहती है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी समिति के सदस्य हैं. वह भी बैठक में मौजूद थे. उर्जित पटेल ने हाल में कहा था कि रिजर्व बैंक के पास सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से संबंधित मामलों को देखने के लिए पर्याप्त अधिकार नहीं हैं.

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