रेलवे रिजर्वेशन के एक छोटे से नियम से कई बार यात्रियों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है. इसी तरह का एक नियम रेलवे ने हाल में शुरू किया है. इस प्रणाली में यदि एसी कोच में सीटें खाली हैं तो क्रमानुसार स्लीपर कोच के यात्रियों के कनफर्म टिकट पर इसमें बिना कोई अतिरिक्त चार्ज लिए अपग्रेड कर दिया जाता है. रेलवे का कहना है कि आरक्षण फार्म भरते वक्त यात्रियों से इस सुविधा का उपयोग करना है या नहीं पूछा जाता है, बिना सहमति के अपग्रेडेशन नहीं होता है. जागरूकता के अभाव में यात्री पूरा फार्म पढ़ते नहीं हैं और उनकी ये चूक कई बार भारी पड़ जाती है.

आजकल यात्रियों को हो रही बड़ी परेशानी

इस रेलवे रिजर्वेशन अपग्रेडेशन के कारण यात्रा के दौरान कई परिवार इस परेशान का सामना कर चुके है  और यात्रियों की एक ही क्रम में कंफर्म टिकट होने के बाद भी पति, पत्नी और बच्चे अलग-अलग कोच में बैठकर सफर करना पड़ा है.

ऐसे हो रही लोगों को परेशानी

रेलवे आरक्षण के अधिकारी के मुताबिक यात्रियों की सुविधा के लिए ही रेलवे ने अपग्रेडेशन प्रणाली शुरु की है और हम अपने स्तर पर ही यात्रियों से पूछ लेते हैं कि उसे ये सुविधा चाहिए या नहीं. समस्याएं आने के बाद हमनें कार्यालय में निर्देश दे दिए हैं कि वे यात्री से पूछ लें और उसका मोबाइल नम्बर जरूर फार्म में लिखवाएं.

ऑटो अपग्रेडेशन क्या है, क्यों शुरु हुई है यह स्कीम

रेलवे ने अपने सेकेंड क्लास में सफर करने वाले यात्रियों को एसी में सफर कराने की इच्छा से ये ऑटो अपग्रेडेशन योजना शुरु की थी. यदि सीट खाली जा रही हैं तो रेग्युलर यात्री उसी पैसे में एसी की यात्रा कर सके. हालांकि ये स्थिति सामान्य सीजन में लाभकारी होती है जब यात्रियों की भीड़ ट्रेनों में कम होती है.

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