वेब सीरीजः

रेटिंगः दो स्टार

निर्माताःअश्वनी यार्दी
निर्देषकःसोनम नायर
कलाकारःमसाबा गुप्ता,नीना गुप्ता, नील भूपालन,सुनीता राजभर, रायतशा राठौड़,स्मरण साहू,सत्यदीप मिश्रा व अन्य
अवधिः 25 से 34 मिनट के छह एपीसोड,लगभग तीन घंटे
ओटीटी प्लेटफार्म: नेटफ्लिक्स
नीना गुप्ता और उनकी फैशन डिजानयर बेटी मसाबा गुप्ता के जीवन पर आधारित एक काल्पनिक कहानी है सुनीता नायर निर्देशित वेब सीरीज ‘‘मसाबा मसाबा’’,जिसमें नीना गुप्ता और मसाबा ने स्वयं अभिनय किया है.और पहले एपीसोड से इंस्टाग्राम व सोशल मीडिया कहानी में किरदार बना हुआ है. नीना गुप्ता स्वयं मसाबा के डिजाइन किए गए कपड़ों की माॅडलिंग करते और उसे इंस्टाग्राम पर डालते हुए नजर आती हैं,तो वहीं मसाबा अपनी मां नीना गुप्ता के हर ट्वीट व इंस्टाग्राम पोस्ट को री ट्वीट या शेअर करती रहती हैं.
कहानीः
कहानी शुरू होती है मसाबा(मसाबा गुप्ता) के फैशन डिजायनिंग शो रूम से,जहां शाम को होने वाले फैशन शो की तैयारी चल रही है.उसकी दोस्त जिया(रायतशा राठौड़ ) उसके साथ है.जिया के पिता बार हाउस के मालिक हंै.उधर नीना गुप्ता को सोशल मीडिया से पता चलता है कि मसाबा और उसके पति विनय(सत्यदीप मिश्रा) का तलाक हो रहा है.वह मसाबा को फोन करती है,पर मसाबा फोन नही उठाती.घर पर नीना गुप्ता (नीना गुप्ता)अपनी घरेलू नौकरानी पद्मा(  सुनीता राजभर ) के साथ अखबार मंे खबर पढ़ती है.शाम को कार्यक्रम में मसाबा की डिजाइन का इंवेस्टर धैर्य राणा(नील भूपालन ) व मसाबा के पति विनय भी मौजूद रहते हैं.वापसी में कार में ही विनय व मसाबा अपने तलाक की घोषणा इंस्टाग्राम पोस्ट पर करते हंै और फिर आधे रास्ते से अलग अलग कार में बैठकर चले जाते हैं.दूसरे एपीसोड में नीना गुप्ता को फरहा खान मिलने के लिए बुलाती हैं,मगर फरहा उन्हे अपनी फिल्म में काम नही देती हैं.मसाबा परेशान है कि धैर्य राणा की मांग के अनुरूप वह डिजाइनर कपड़े नहीं बना पा रही है.अपनी मां से बहस के दौरान मसाबा कहती है कि उसने मां को खुश रखने के लिए कुछ दिन शादी निभायी.फिर शादी से पहले मां और शादी के बाद पति की छत्रछाया में रहने के बाद अब मसाबा स्वतंत्र रूप से अकेले रहने के लिए किराए के फ्लैट में चली जाती है.तीसरे एपीसोड में नीना गुप्ता कास्टिंग डायरेक्टर से कहती हंै कि वह दिल्ली नही मंुबई में रहती है और फिर एक इंस्टाग्राम पोस्ट मंें लिखती हैं कि वह मुंबई मंे रहती हैं और अच्छे किरदार निभाना चाहती हैं.जिसे मसाबा भी शेअर करती है.चैथे एपीसोड में अपने फ्लैट में अकेले होने पर वह अपने पूर्व प्रेमी मानव को बुलाती है और उसके साथ हम बिस्तर होकर यौन सुख का आनंद लेती हैं.पांचवे एपीसोड में नीना गुप्ता को फिल्म‘‘बधाई हो’’में अभिनय का काम मिलता है.इस फिल्म की गजराज राव के साथ वह शूटिंग करती है.
उधर मसाबा अपनी मां से कहती है कि उससे यह सेपरेषन/पति से अलगाव संभल नही रहा है.इस बीच इंवेस्टर धैर्य राणा के लिए वह ‘हाॅट मेस’नाम डिजाइन तैयार कर समुद्र के बीच एक बोट पर फैशन शो रखती है,इस फैशन शो से पहले अपने साथ काम कर रहे जोगी(स्मरण साहू) के साथ उसके घर पर यौन संबंध बनाकर सेक्स का आनंद उठाती हैं.दूसरे दिन बोट पर फैशन शो में गड़बड़ियां हो जाती हैं.छठे एपीसोड में सोषल मीडिया पर इस फैशन शो की आलोचनाएं हो रही हंै.तब धैर्य राणा ताना मारता है कि ‘सफलता व शोहरत सभी के वश की बात नहीं होती.’उसके बाद मसाबा अपने सहयोगियों के माध्यम से अपने डिजाइन कपड़ों की तस्वीरे सोशल मीडिया पर डालकर बाजी पलट देती हैं.उसे एक पत्रिका के कवर पेज पर भी जगह मिल जाती है.
लेखन व निर्देशनः
नीना गुप्ता और मसाबा गुप्ता के वास्तविक निजी जीवन में कई नाटकीय मोड़ हैं,जिनसे एक उत्कृष्ट कहानी बन सकती थी,मगर इस वेब सीरीज में उनसे बचने का पूरा प्रयास किया गया है.इस वेब सीरीज में काल्पनिक किरदार व परिस्थितियों का समोवश है.मसाबा और नीना उन संघर्षों के बारे में मुखर रही हैं,जिनका उन्होंने सामना किया है.मगर अफसोस कि इस सीरीज में ऐसा कुछ नही है.
ये भी पढ़ें- ‘नागिन 5’ एक्ट्रेस सुरभि चंदना के नए वीडियो पर फैंस ने किए ऐसे कमेंट
इसके सारे किरदार एक ऐसी दुनिया में बसते हैं,जहां एक सोशल मीडिया पोस्ट जीवन की हर समस्या का त्वरित-ठीक उत्तर है.वेब सीरीज की शुरूआत ही उस दिन से होती है,जिस दिन मसाबा व उसके पति अलग होने का निर्णय लेते हैं.कहानी को काल्पनिक होने का जामा पहनाने के लिए मसाबा के पति के रूप में विनय हैं.वेब सीरीज के हर एपीसोड के केंद्र में मसाबा व उनकी माॅ नीना गुप्ता ही हैं,बाकी सभी किरदार कैरीकेचर के अलावा कुछ नही हैं.इस वेब सीरीज का सुखद मां बेटी का एक साथ परदे पर अभिनय करना.इसी वजह से दोनों की केमिस्ट्री और सहजता बहुत प्यारी और बेहद भरोसेमंद है.मसलन,एक एपीसोड में नीना गुप्ता,मसाबा के लिए एक पराठा बनाने की पेशकश करती हैं.तो मां बेटी का अटूट रिश्ता व एक दूसरे के कहे बिना समझने का भाव उभरकर आता है.इसके अलावा इनके मजबूत बंधन के प्रतिबिंब स्वरूप किसी जगह मसाबा एक पीले रंग की शिफॉन की साड़ी में अपनी माँ को एक बैकलेस ब्लाउज के साथ फैशन करती हुई दिखाई देती हैं.छह एपीसोड की इस सीरीज में तीन हम बिस्तर वाले अति बोल्ड दृश्य रखकर लेखक,निर्देशक,नीना गुप्ता व मसाबा लोगों को क्या संदेश देना चाहती हैं,यह तो वही जाने.संवाद प्रभावहीन हैं.बेवजह कई दृश्य भर दिए गए हैं.बतौर निर्देशक सुनीता नायर अपनी छाप छोड़ने मे असफल रही हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...