इन दिनों पूरे देश में धर्मांतरण और ‘लवजेहाद’ का मुद्दा गरमाया हुआ है.तो दूसरी तरफ धर्म परिवर्तन कर शादी करने वाली कुछ फिल्मी हस्तियांे के तलाक की खबरें भी गर्म हैं. ऐसे ही वक्त में फिल्म निर्देशक विनोद तिवारी फिल्म ‘‘द कन्वर्जन’ ’लेकर आए हैं,जो कि आठ अक्टूबर को सिनेामघरों में पहुॅचेगी. विनोद तिवारी की यह  पहली फिल्मन ही है.

वह पिछले तीन दशक से फिल्म इंडस्ट्ी से जुड़े हुए हैं. वह कई टीवी सीरियल,भोजपुरी फिल्में व हिंदी फिल्में निर्देशित कर चुके हैं. बनारस के खूबसूरत घाटों पर फिल्माई गई फिल्म ‘‘द कन्वर्जन’ ’’ भारत में प्रेम विवाह के दौरान होने वाले धार्मिक रूपांतरणों की दुविधा की पड़ताल करती है.यानी किय ह फिल्म ‘लवजेहाद’को लेकर है.

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फिल्म के बारे में बात करते हुए निर्देशक विनोद तिवारी कहते हैं-‘‘हमारी फिल्म का विषय आज के युवाओं में सामाजिक जागरूकता लाएगा. यह एक ऐसी फिल्म जो भारत में प्रेम विवाह के दौरान होने वाले धार्मिक रूपांतरणों की दुविधा की संवेदनशील रूप से पड़ताल करती है.फिल्म ‘द कन्वर्जन’ ’में धर्म परिवर्तनकर शादी करने यानी कि ‘लवजिहाद’ का मसला है.

लव जेहाद की बजाय इसे धर्मांतरण की संज्ञा देना बेहतर होगा.मेरा ऐसा मानना है कि प्रेम की न कोई जाति होती है न कोई धर्म होता है.

प्रेम तो सिर्फ प्रेम है. हमारे देश में हर इंसान को किसी से भी प्रेम करने,किसी को भी हमसफर चुनने या किसी से भी शादी करने का अधिकार है. लेकिन वही प्रेम या हम सफर बनाने का काम साजिशन किया जाए अथवा गलत मकसद से किया,तब वह प्यार ,प्यार नही कहलाता,बल्कि वह प्रेम तो नासूर बन जाता है. ‘‘

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