किसी कलाकार को सफल देखने और उस की ग्लैमरस लाइफ को देख कर मन में उस की तरह ही जीने की इच्छा होती है. यही वजह है कि बौलीवुड में लाखों लोग ऐक्ट्रेस बनने का सपना ले कर देशविदेश से बिना सोचेसमझे चले आते हैं. उन के यहां तक पहुंचने के स्ट्रगल के बारे में कोई ध्यान नहीं देता. हर ऐक्ट्रेस के लिए बौलीवुड में जगह बनाना आसान नहीं होता. किसी भी कलाकार को सब से पहले उस के लुक, बातचीत के तरीके, भाषा का ज्ञान, ठगी आदि ऐसे कई बातें हैं जिन से उसे गुजरना पड़ता है. आज भले ही कलाकारों के लाखोंकरोड़ों फैन हों, लेकिन जब वे इंडस्ट्री में अपने कदम जमाने की कोशिश कर रहे थे, तो उन्हें अपने लुक और हिंदी भाषा की जानकारी न होने के कारण काफी संघर्ष व उपहास के पात्र बनने पड़े. आइए जानें विदेशी हीरोइनों ने किस तरह से इसे फेस किया और आगे बढीं.
सनी लियोनी
सब से अधिक संघर्ष पोर्नस्टार सनी लियोनी को करना पड़ा. आज सनी लियोनी एक सफल मुकाम पर हैं. उन्हें हिंदी बोलना आता है. उन्होंने हिंदी फिल्मों के तौरतरीके को सीख लिए हैं. शुरुआत में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है, “मैं पहली बार केवल 2 हफ्ते के लिए मुंबई आई थी और वापस लौसएंजिलिस चले जाने की बात सोची थी. लेकिन आज मैं कई फिल्में कर चुकी हूं और कई ब्रैंड्स एंडोर्स करती हूं. खुद को इंडस्ट्री में जमाना आसान नहीं था. पुराने दिनों को याद करें, तो हर दिन सुबह उठ कर प्रोफैशनल की तरह होंठों पर स्माइल लिए प्रोडक्शन हाउस के चक्कर लगाना, हमेशा खुश रहने की ऐक्टिंग करना, जो भी काम मिले उसी को कर लेना, इसी से मुझे स्थापित करने का मौका मिलता गया.
“मैं न तो एक अच्छी अभिनेत्री हूं, न ही एक अच्छी डांसर, पर मैं ने हर काम को दिनरात मेहनत द्वारा सिद्ध किया. मैं जानती हूं कि लोग मेरे बारे में बहुत बुराभला कहते हैं, पर उस का असर मुझ पर नहीं पड़ता. मैं अब इंडस्ट्री का हिस्सा बन चुकी हूं. मेरे फैन्स और दर्शक यहां बहुत हो चुके हैं जिस की मुझे ख़ुशी है. अमेरिका में काम करने का तरीका अलग होता है. यहां अभिनय के साथसाथ इमोशन भी होते है, जिन में मुझे एडजस्ट करना पड़ा, क्योंकि बौलीवुड किसी के साथ एडजस्ट नहीं करता. यहां कोई काम समय पर नहीं होता.”
कैटरीना कैफ
विक्की कौशल से शादी करने के बाद कैटरीना इन दिनों अपनी मैरिड लाइफ को एंजौय कर रही हैं. उन्हें बौलीवुड की सब से हौट अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है. उन के लिए बौलीवुड में अपनी जगह बनाना आसान नहीं था. दरअसल, उन का लुक और लैंग्वेज दोनों ही विदेशी थे, जिस के कारण उन्हें कास्ट करने में निर्मातानिर्देशक हिचकिचाते थे. उन्होंने एक जगह कहा है कि जब वे पहली बार मुंबई आईं, तो उन की इच्छा एक मौडल बनने की थी.
उन की आदर्श सुपरमौडल मधु सप्रे, लक्ष्मी मेनन और मलायका अरोड़ा थीं. इसलिए कैटरीना ने मुंबई में मौजूद विज्ञापन एजेंसियों की एक सूची बनाई और उन में से किसी में काम पाने की उम्मीद में वे उन सभी से टैक्सी कर मिलने जाती थीं. उस दौरान उन्होंने कई नकली साबुन के विज्ञापन किए. वही विज्ञापन उन्हें हमेशा मिलते रहे. जो विज्ञापन उन्हें नहीं मिला वह था कबड्डी खेलने का विज्ञापन, जो उन्हें पता नहीं था कि कबड्डी क्या होती है. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए उन्होंने हिंदी बोलना सीखा, अपने लुक को बदला ताकि उन्हें काम मिल सके.
नोरा फतेही
दिलबर गर्ल और अभिनेत्री नोरा फतेही ने अपने फिल्मी कैरियर और संघर्ष को ले कर भी ढेर सारी बातें की हैं. उन्होंने एक जगह कहा है कि उन्होंने अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए कई अजीबोगरीब काम किए और जब वे हुक्का बार में काम कर रही थीं तो उन्होंने अपने डांस में काफी सुधार किया था.
इस के अलावा उन्हें जबजब जो भी काम के मौके मिले, वे करती गईं. शुरुआत में वे बाहर नहीं जाती थीं और दूसरी लड़कियों की तरह ग्रुप बना कर पार्टी नहीं करती थीं और कभी नहीं सोचा कि उन का एक बौयफ्रैंड होगा. वे हर दिन खुद को एक कमरे में बंद कर लेती थीं और हिंदी भाषा सीखती थीं, टीवी देखती थीं और अपने कमरे में प्रैक्टिस करती थीं. उन दिनों उन्होंने भाई की शादी, उस के जन्मदिन सबकुछ मिस किया था. इस के अलावा उन दिनों उन्हें 8-9 लड़कियों के साथ रहना पड़ा, जो बहुत शातिर थीं. उन का पासपोर्ट भी चुरा लिया गया था. इतना सब होने के बावजूद नोरा वापस कानाडा नहीं लौटीं.
नोरा ने बताया कि एक कास्टिंग डायरैक्टर ने उन्हें औडिशन के लिए बुलाया था और वह जानता था कि वे इंडियन नहीं हैं. उस ने उन्हें हिंदी की लाइन बोलने को दिया, नोरा सही से नहीं बोल पाई और आसपास बैठे सभी नोरा पर हंसने लगे. नोरा को उस दिन बहुत दुख हुआ था कि लोग इतने बुरे भी हो सकते हैं, कम से कम उन के जाने का इंतज़ार तो कर लिया होता. ये सारी बातें नोरा को कभीकभी याद आती हैं. आज वे सफल हैं और अपने कैरियर से खुश हैं, जबकि वह दिन था जब नोरा 5,000 डौलर ले कर कनाडा के मोरक्को शहर से मुंबई अभिनय के लिए आई थीं और काफी मेहनत के बाद आज सफल हुई हैं.
जैकलीन फ़र्नांडीज
अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज ने फिल्म उद्योग में 10 साल से अधिक समय बिताया है और यह यात्रा उन के लिए आसान नहीं थी. हालांकि वे वर्ष 2006 की ‘मिस श्रीलंका यूनीवर्स’ रह चुकी हैं. उन के गैरभारतीय दिखने और नाम की वजह से उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. साल 2009 में अलादीन से डैब्यू करने के बाद जैकलीन ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. वेह युवाओं के बीच सब से लोकप्रिय महिला अभिनेताओं में से एक बन गईं और अपने अब तक के 10 साल के कैरियर में जैकलीन ने अधिकांश प्रमुख प्रोडक्शन हाउस के साथ काम किया है.
जैकलीन को भी नाक की सर्जरी करवाने और अपना नाम बदल कर मुसकान रखने के लिए कहा गया था, क्योंकि ‘जैकलीन फर्नांडीज’ नाम में देसीपन नहीं था. जैकलीन इन सब बातों को नजरअंदाज कर असली नाम के साथ ही आगे बढीं. उन्हें लोग कहते थे कि उन्हें एक खास तरह का बनना होगा. वे चाहते थे कि वे अपनी भौंहों को गहरी कर लें, जो उन्होंने नहीं किया. जैकलीन को बचपन से उन की नाक पसंद थी, ऐसे में नाक को बदलने के लिए अगर कोई कहे, तो उन्हें वह बात बिलकुल भी पसंद नहीं थी. इतना ही नहीं, उन के कई पुरुष सहकलाकार उन से कहते थे कि साड़ी पहन कर इंडियन लुक में ‘फिट’ होने की कोशिश न करें. ये सारी बातें उन्हें मायूसी देती थीं. पर वे इन से निकलना भी जान चुकी थीं. इन सारी बातों को नजरअंदाज कर आज जैकलीन सफल अदाकारा बन चुकी हैं और अपनी जर्नी से काफी खुश हैं.