18 वर्ष की उम्र से लेखन की शुरूआत करने वाले हितेश केवल्या ने अपनी जिंदगी में काफी पापड़ बेले हैं. कुछ दिन ऑल इंडिया रेडियों पर काम करने, नाटकों में अभिनय करने के बाद वो दस वर्ष तक विभिन्न टीवी सीरियलों के संवाद लिखते रहे. उसके बाद फिल्म ‘‘शुभ मंगल सावधान’’ की पटकथा व संवाद लिखे. अब उसी फिल्म का सीक्वअल ‘‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’’ का लेखन करने के साथ साथ निर्देशन किया है. ये फिल्म दो ‘‘गे’’ लड़कों की प्रेम कहानी है जिसमें आयुष्मान खुराना, जीतेंद्र कुमार, नीना गुप्ता,  गजराज राव जैसे कलाकारों के अहम किरदार हैं.

अपनी अब तक की यात्रा को किस तरह रेखांकित करेंगे?

मैं राजस्थानी हूं, मगर मेरी परवरिश दिल्ली में हुई है. मां गृहिणी हैं. पापा नौकरी करते थे. घर पर लिखने पढ़ने का माहौल रहा है. बचपन से मुझे थिएटर का शौक था, जो कि मैं स्कूल में करता रहा. मेरे नाना के छोटे भाई रवि ओझा फिल्में व सीरियल बनाते थे. मुझे कहानियों का शौक भी है. इंजीनियर वगैरह बनने की बात मेरे दिमाग में कभी नहीं रही. मैने ऑल इंडिया रेडियो में काम किया है. 18 वर्ष की उम्र से लिखना शुरू कर दिया था. नाटकों में अभिनय करने के अलावा बैक स्टेज भी किया. फिर मैने अहमदाबाद के इंडियन इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन से फिल्म विधा की शिक्षा ग्रहण की. फिर मुंबई आकर विज्ञापन जगत से जुड़ गया. लिखने के शौक के चलते कुछ समय बाद टीवी के प्रोमों लिखने लगा. फिर दस साल तक सीरियलों के संवाद लिखता रहा. तो वहीं मैंने बतौर लेखक, निर्माता व निर्देशक ‘इस मोड़ पर कुछ नहीं होता’ सहित अपनी कुछ लघु फिल्में बनायी.

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