70 और 80 के दशक में रिलीज होने वाली ज्यादातर फिल्मों में रेप सीन हुआ करता था. निर्देशक अक्सर अपनी फिल्मों में रेप सीन का मसाला डालकर उसे हिट कराने की कोशिश में रहते थे. 1969 में आई फिल्म ‘द गोल्ड मैडल’ के डायरेक्टर रविकांत नगाइच भी अपनी फिल्म में वही मसाला डालने की तैयारी कर रहे थे. सेट पर सभी लोग रेप सीन को शूट करने के लिए तैयार थे. इस सीन में एक्ट्रेस फरयाल का रेप प्रेमनाथ करने वाले थे.

लेकिन रेप सीन शूट करते समय प्रेम नाथ बहक गए और वो सचमुच फरयाल के साथ रेप करने लगे. दरअसल, निर्देशक ने प्रेमनाथ को फरयाल के साथ जितना क्लोज होने के लिए और जिस तरह का सीन करने को कहा था वो बिल्कुल उससे अलग कर रहे थे. फरयाल भी प्रेम नाथ के इस रूप को देखकर डर गई और चिल्लाने लगी. सीन के मुताबिक प्रेमनाथ फरयाल को सोफे पर पटकते और उनके ऊपर हावी होकर चल देते.

लेकिन प्रेम नाथ ने फरयाल को इस तरह दबोचा कि वो डर गई और चीखने लगी. प्रेम नाथ उनकी चीख सुनकर भी नहीं रुके और उनके साथ जबरदस्ती करने लगे. हैरान करने वाली बात यह थी कि उस समय निर्देशक के साथ साख फिल्म के एक्टर जितेंद्र भी वहां मौजूद थे लेकिन वो प्रेमनाथ को रोकने के बजाए हंस रहे थे.

फरयाल ने किसी तरह खुद को प्रेम नाथ के चुंगल से बाहर किया और वहां से भाग गई. हालांकि, कुछ दिनों बाद डायरेक्टर ने फरयाल को समझाते हुए फिल्म के लिए राजी कर लिया. फिल्म रिलीज हुई लेकिन दर्शकों पर अपना असर छोड़ने में कामयाब नहीं हुई. इस फिल्म में धर्मेंद्र, शत्रघ्न सिन्हा और जितेंद्र मुख्य भूमिका में थे.

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