‘‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’’ के चेअरमैन पहलाज निहलानी का कार्यकाल 18 जनवरी 2018 को खत्म होने वाला था, लेकिन उन्हे साढ़े पांच महीने पहले ही पदमुक्त कर दिया गया और अब ‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’ के चेअरमैन मशहूर गीतकार प्रसून जोशी होंगे.
केंद्र में नई सरकार आसीन होने के बाद उस वक्त की ‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’ की चेअरमैन लीला सैमसन ने स्वेच्छा से त्यागपत्र दे दिया था. तब ‘सूचना प्रसारण मंत्रालय’ ने 19 जनवरी 2015 को पहलाज निहलानी को चेअरमैन नियुक्त किया था और उनका कार्यकाल 18 जनवरी 2018 तक था. भारतीय जनता पार्टी के भक्त और 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त मोदी की प्रशंसा में लगे रहे पहलाज निहलानी को उम्मीद थी कि उनका कार्यकाल दुबारा बढ़ा दिया जाएगा. मगर सरकार ने उनका कार्यकाल खत्म होने से लगभग साढ़े पांच माह महीने पहले ही पदमुक्त कर दिया. सूत्रों का दावा है कि पहलाज निहलानी ने ‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’ के चेअरमैन की हैसियत से जो विवादास्पद निर्णय लिए उसके चलते केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री को यह निर्णय लेना पड़ा.
पहलाज निहलानी और विवाद ही विवाद
सेंसर बोर्ड के चेअरमैन पद पर आसीन होते ही पहलाज निहलानी ने अपने वक्तव्यों और अपने निर्णयों से कई तरह के विवाद पैदा कर दिए. हमें यहां यह याद रखना होगा कि फिल्म को प्रमाण पत्र देने के लिए सेंसर बोर्ड की अपनी गाइड लाइन्स हैं. इसके बावजूद पहलाज निहलानी ने आनन फानन में कुछ गालियों की सूची जाहिर कर दी कि यदि किसी फिल्म में ऐसी गालियां होंगी, तो वह फिल्म पारित नहीं की जाएगी. इस पर काफी विवाद हुआ और अंततः केद्रीय सूचना प्रसारण राज्यमंत्री ने यह कर इस विवाद को शांत किया कि ऐसा कुछ नहीं होगा.
उसके बाद भी पहलाज निहलानी लगातार विवादों से घिरे रहे. कई फिल्मों में बोल्ड दश्यों व गालियों पर कैंची चलाने को लेकर उनकी काफी आलोचना हुई. फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को लेकर जमकर बवाल हुआ था. उस वक्त फिल्म निर्माता ने मुंबई उच्च न्यायालय से अपनी फिल्म को पारित करवाया था, तब निर्माता को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की तरफ से जो प्रमाण पत्र दिया गया था, उसमें लिखा था कि मुंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रमाणपत्र जारी हुआ. उसके बाद भी कई फिल्मों पर उनके निर्णय विवाद के केंद्र बने. जिसमें से प्रकाश झा निर्मित और अलंकृता श्रीवास्तव निर्देशित फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुरका’ और ‘इंदू सरकार’ का भी समावेश है. इन दिनों कुशान नंदी निर्देशित फिल्म ‘‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’’ को 48 कट्स लगाने की बात कहकर विवाद को नई हवा दे दी.
यूं तो जब 28 जुलाई को तिरूअनंतपुरम में ‘‘केद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’’ के सभी बोर्ड सदस्यों की बैठक बुलायी गयी थी, तभी यह संकेत आ गया था कि इस बैठक में पहलाज निहलानी को बाहर किए जाने पर मुहर लगेगी, इस बैठक में क्या हुआ था, उसकी खबर नहीं मिली थी. पर अब शुक्रवार, ग्यारह अगस्त की की देर शाम पहलाज निहलानी की विदाई और प्रसून जोशी की नियुक्ति की खबर आ गयी.