उरी पर आतंकवादी हमले के बाद कई राजनीतिक पार्टियों के निशाने पर पाकिस्तानी कलाकार चल रहे थे और देश के मूड़ को भांपते हुए ‘इंडियन मोशन पिक्चर्स एसोसिएशन’ ने जैसे ही पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन की सिफारिश की, वैसे ही पाकिस्तान पहुंच चुके पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान द्वारा जिस तरह की बयानबाजी की खबरे आयी हैं, वह यदि वह सच है, तो इससे फवाद खान ने अपना अहित करने के साथ साथ करण जोहर व फिल्म ‘‘ऐ दिल है मुश्किल’’ को भी नुकसान पहुंचाने का काम किया है, जिसमें उन्होंने भी अभिनय किया है. फवाद खान के जिस बयान की चर्चा हो रही है, उसमें कितनी सच्चाई है, इसका खुलासा अभी तक नहीं हुआ है. मगर करण जोहर की प्रचार टीम फवाद खान को बचाने के काम में जुट गयी है.

करण जोहर और फिल्म ‘‘ऐ दिल है मुश्किल’’ की प्रचार टीम ने पत्रकारों को ईमेल भेजकर फवाद खान को जोरदार तरीके से बचाव किया है. इस ईमेल में लिखा गया है-‘‘फवाद खान के नजदीकी सूत्रों के अनुसार यह खबर गलत है कि  मनसे की धमकी के बाद फवाद खान ने भारत छोड़ा. सच यह है कि फवाद खान ने दो माह पहले ही अपना काम पूरा होने पर भारत छोड़ दिया था. अफवाहें उड़ रही है कि फवाद खान ने पाकिस्तानी मीडिया से बात की है, जो कि गलत है. फवाद ने पाकिस्तानी मीडिया से कोई बात नहीं की है.’’

करण जोहर की प्रचार टीम की तरफ से ईमेल वाला बयान तब आया, जब एक अंग्रेजी की वेबसाइट पर ‘इम्पा’ अध्यक्ष टी पी अग्रवाल ने माना कि उन्होंने सुना है कि फवाद खान ने पाकिस्तानी मीडिया से बात करते हुए कहा है कि ‘‘बालीवुड किसी के बाप का है क्या?’’ इस बात की पुष्टि ‘एमएनएस चित्रपट सेना’ के अध्यक्ष अमेया खोपेकर भी करते हैं.

इम्पा अध्यक्ष टीपी अग्रवाल कहते हैं-‘‘पाकिस्तानी कलाकारों को बैन करने का निर्णय मेरा अकेले का नहीं था. इम्पा की वार्षिक बैठक में दो सौ फिल्म निर्माता शामिल थे. सभी ने एक स्वर से इस बैन की मांग की. सभी निर्माताओं ने मेरी प्रशंसा की कि मैंने अपनी फिल्म ‘लाली की शादी में लड्डू दीवाना’ से राहत फतेह अली खान का गाना निकालकर भारतीय गायक का गाना जोड़ा. अब फवाद खान को बयान हमें सुनाई पड़ा है, उसको लेकर अभी ‘इम्पा’ की बैठक नहीं हुई है.’’

फवाद खान के इसी बयान पर प्रतिक्रिया देते हए इम्पा के उपाध्यक्ष अशोक पंडित ने कहा-‘‘2014 में जब पेशावर पर आतंकवादी हमला हुआ था, तब हमारे भारतीय कलाकारों ने इसकी निंदा की थी. पर उरी में आतंकवादी हमला होने पर पाकिस्तानी कलाकार चुप क्यों है? जबकि यह पाकिस्तानी कलाकार स्पेन या इंग्लैंड पर आतंकवादी हमला होने निंदा करते हुए नजर आ चुके हैं. फिर कलाकार खुदा नहीं होता है. क्या पाकिस्तानी कलाकार इंसानियत के नाते भी उरी कांड की निंदा नहीं कर सकते? अगर आप हमारे दुःख में हमारे साथ नहीं हो, तो खुशी में क्यों?’’

फवाद खान के ‘‘बालीवुड  किसी के बाप का है क्या?’’ बयान की पुष्टि नही हो पायी है, पर इस बयान ने तूल पकड़ लिया है. अब बौलीवुड में खुलेआम कहा जा रहा है कि फवाद खान को जो शोहरत व कमाई हो रही है, उसका आधार बौलीवुड ही है? सूत्रों का दावा है कि बडे़ बजट की पाकिस्तानी फिल्म में अभिनय करने के लिए फवाद खान को 25 लाख रूपए ही मेहनताने के रूप में मिलते हैं, जबकि एक बौलीवुड फिल्म में अभिनय करने के लिए फवाद खान एक से डेढ़ करोड़ रूपए लेते हैं. फवाद खान ने पाकिस्तान में टीवी सीरियल ही किए हैं. एक पाकिस्तानी टीवी सीरियल में अभिनय करने के लिए चार पांच लाख रूपए से ज्यादा नहीं मिलते. इसके अलावा बौलीवुड फिल्म विश्व के कई देशों में रिलीज होती हैं, इस वजह से इन्हे दूसरे देशों में कंसर्ट व अन्य स्टेज शो करने का अवसर व लंबी रकम मिलती है. अब बौलीवुड में बैन होने पर फवाद खान के दुबई, अमरीका व लंदन मे होने वाले स्टेज शो पर असर पड़ेगा. उन्हे जो इंडोर्समेंट मिल रहे हैं, उन पर भी असर पडे़गा. बालीवुड का एक तबका मानता है कि इस तरह के नुकसान से फवाद खान परेशान हो गए हैं और अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं, अथवा अपनी खीज को मिटाने के लिए इस तरह का बयान दिया होगा.

सच तो एक न एक दिन सामने आएगा ही, फिलहाल तो यही लगता है कि फवाद खान ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने का काम किया है. अंततः खामियाजा तो फवाद खान को ही भुगतना पड़ेगा.

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