बौलीवुड की फिल्में अकसर औस्कर में सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म श्रेणी में भेज तो दी जाती हैं लेकिन वे लौटती खाली हाथ ही हैं. इस बार औस्कर के लिए फिल्में चुनने वाली भारतीय ज्यूरी ने देश का आधिकारिक प्रतिनिधित्व करने के लिए फिल्म ‘कोर्ट’ का चयन किया है. चैतन्य तमहाने की पहली फिल्म ‘कोर्ट’ को इस साल राष्ट्रीय पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ फिल्म घोषित किया गया था. फिल्म में अदालती मामलों पर गंभीर विमर्श है. लेकिन जैसे ही एफएफआई ने इसे भारत की आधिकारिक प्रतिनिधि के तौर पर चुना, विवाद भी पैदा हो गया. ज्यूरी में से एक सदस्य राहुल रवैल ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि कमेटी के अहम सदस्य अमोल पालेकर जोड़तोड़ वाले आदमी हैं. अब, देखते हैं कि ‘कोर्ट’ औस्कर की दौड़ में कहां तक जा पाती है.

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