बौलीवुड में जिन कलाकारों की अपनी संताने नहीं होती हैं, उनकी मौत के बाद उनकी संपत्ति को लेकर कई तरह की वसीयतें सामने आती हैं और फिर उस कलाकार के परिवार के सदस्यों को अदालत के दरवाजे पर दस्तक देनी पड़ती है.

पिछले दिनों अदालत ने अभिनेत्री परवीन बॉबी की वसीयत का मसला हल किया था. अब अपने जमाने की चर्चित अदाकारा रही नंदा की मौत के बाद उनके परिजनों को भी नंदा की करोड़ों की संपत्ति के लिए अदालत जाना पड़ा है.

नंदा का 25 मार्च 2014 को मुंबई में देहांत हो गया था. पर एक चार्टेड एकाउंटेंट रजनीकांत और नंदा के कभी बिजनेस भागीदार रही नरगिस हीरजी ने वसीयत पेश की है, जिसके अनुसार यह दोनों नंदा की संपत्ति पर अपना हक जता रहे हैं.

इनका दावा है कि नंदा ने अपनी मौत से तीन वर्ष पहले 2011 में इन दोनों को अपनी संपत्ति की देखरेख करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. परिणामतः नंदा के पारिवारिक सदस्यो को मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा है.

सूत्रों के अनुसार संपत्ति की इस कानूनी लड़ाई में मुंबई के वर्सोवा इलाके मे स्थित त्रिपलेक्स अपार्टमेंट, चार बंगला में बहुत बड़ा ऑफिस, ठाणे जिले के शहापुर में जमीन, जेवरात, चांदी के बर्तन, शेयर, नगद, बैंक में जमा राशि और अन्य बीस करोड़ की चल संपत्ति है. नंदा के पारिवारिक सदस्यों का आरोप है कि रजनीकांत व नरगिस हीरजी उन्हें नंदा की वसीयत दिखाने को तैयार नहीं हैं. जबकि नरगिस हीरजी का दावा है कि नंदा अपनी बहन जयमाला और उनके करीब थी. बहन जयमाला की 2007 में मौत के बाद वह बुरी तरह से टूट गयी थीं, तब बिजनेस भागीदार होने की वजह से नरगिस ने ही उनका साथ दिया था. जबकि नंदा के परिवार के सदस्यों ने कहा कि चार्टेड एकांउटेट का दावा गलत है कि नंदा ने संपत्ति की देखरेख के लिए उन्हें नियुक्त किया था. क्योंकि नंदा हमेशा अपने भाई बहनों व उनके बच्चों के करीब थी.

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