सिनेमा जगत में एक्षन प्रधान रोमांचक फिल्मों का सदैव बोलबाला रहा है.एक्षन फिल्में देखना बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी देखना पसंद करते हैं.इसी के चलते एक्षन फिल्मों में अब एक्षन मास्टर यानी कि एक्षन निर्देशकों की महत्ता बढ़ गयी है.क्योंकि अब एक्षन के नाम पर भी हर फिल्म में कुछ नए तरह का एक्षन परोसा जाना अनिवार्य हो गया है.जब से बाॅलीवुड में टाइगर श्राफ व विद्युत जामवाल जैसे एक्षन स्टारों का दबदबा बढ़ा है.तब से बाॅलीवुड में मार्शल आर्ट में महारत रखने वाले एक्षन निर्देशकों की भी मांग बढ़ी है.
ऐसे ही एक्षन मास्टरों में सर्वाधिक चर्चित नाम है- राजू दास,जिन्होने टाइगर श्राफ को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देकर एक्षन स्टार बनने योग्य बनाया. हाल ही में एक्षन निर्देशक राजू दास से मुलाकात हुई..प्रस्तुत है एक्सक्लूसिब बातचीत के अंश...
आपकी अब तक की यात्रा कैसी रही?
-मुझे बचपन से ही मार्शल आर्ट सीखने का शौक रहा है.पर बचपन में मुझे यह मौका नहीं मिल पा रहा था.लेकिन मैं जैसे ही कुछ बड़ा हुआ,तो मैने घर वालों से कहा कि मुझे कराटे सीखना है.मगर मेरे घर वालों ने कोई रूचि नहीं ली.कुछ और बड़ा होने पर मैने हाथ पांव मारे और कराटे व मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग लेनी शुरू की.12 साल की उम्र में मैने मार्शल आर्ट सीखना शुरू कर दिया था.उस वक्त तक मुझे यह भी नहीं पता था कि आर्ट मार्शल क्या होता है? मार्षल आर्ट कैसे किया जाता है.कितने तरह का मार्षल आर्ट होता है? मार्शल आर्ट की जरुरतें क्या है? उससे पहले मैने सिर्फ यह शब्द सुने थे.मैने ब्रूसली की फिल्मों में यह देखा था और मेरे दिमाग मंे आ गया था कि मुझे मार्शल आर्ट में पारंगत होना है.खैर,हमने अवसर मिलने पर कई जगहों से मार्शल आर्ट सीखा.