कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर ने फिल्म उद्योग से जुड़े दिहाड़ी मजदूरों की कमर तोड़कर रख दी. दिहाड़ी मजदूरों पर आए संकट का अहसास कर मशहूर फिल्मकार मणि रत्नम ने फिल्म निर्माता जयेंद्र पंचमकेसन के साथ मिलकर दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग से जुड़े सभी दिहाड़ी मजदूरों को सबसे पहले एक संगठन की तरफ से 1500 रूपए का राशन दिलवाया. उसके बाद एक नौं खंडो की तमिल भाषा की एंथोलॉजी फिल्म ‘‘नवरस’’ निर्माण किया.

इस फिल्म से होने वाली आय को फिल्म जगत से जुड़े सभी दिहाड़ी मजदूरों में वितरित की जाएगी. यह एंथोलॉजी फिल्म ‘‘नवरस’’ आगामी छह अगस्त को ओटीटी प्लेटफार्म ‘‘नेटफ्लिक्स’’ पर स्ट्रीम होगी, जिसका ट्रेलर जारी किया जा चुका है.

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इस अनूठी पहली पर खुद मणि रत्नम कहते हैं-‘‘जयेंद्र और मैं लंबे समय से साथ हैं, वर्षों से विभिन्न कारणों से धन जुटा रहे हैं. महामारी में हमने फोन पर बात कर फैसला किया कि हमें फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों के लिए कुछ करना चाहिए. क्योंकि हमारी इंडस्ट्री से जुड़े दिहाड़ी मजदूर बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं.

40 दिग्गज एक्टर्स ने फ्री में किया काम

बहुत लंबे समय से काम नहीं हुआ है.इसके लिए सिर्फ हमें ही नहीं बल्कि पूरी इंडस्ट्री को एक साथ आने की जरूरत थी. इसलिए हमने इन सभी अभिनेताओं और निर्देशकों से बात की, सभी तैयार हो गए. जिस पर हम सभी को गर्व है.’’

एंथोलॉजी फिल्म में सभी नौ निर्देशकों, 40 कलाकारों व बड़े तकनीशियनों ने मुफ्त में काम किया है. इसे स्वीकार करते हुए मणि रत्नम कहते हैं- ‘‘जी हां! उत्पादन लागत और उन श्रमिकों को, जिनके लिए ‘नवरस’ बनाया गया, को ही भुगतान किया गया था, लेकिन बाकी ने व्यावहारिक रूप से मुफ्त में काम किया. उन्होंने हमें हर चीज के लिए समय दिया, यह काफी आश्चर्यजनक था, यह आपको विनम्र बनाता है.’’

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