फिल्मकार अभिषेक कपूर ने जब से फिल्म ‘‘केदारनाथ’’ बनाने की घोषणा की थी, तब से इस फिल्म के निर्माण में कई तरह की समस्याएं आती रही हैं. सर्वप्रथम फिल्म के कलाकारों के चयन में कई तरह की दिक्कतें आईं. फिर फिल्म के निर्माण को लेकर अभिषेक कपूर को प्रेरणा अरोड़ा के संग अदालत की लड़ाई लड़नी पड़ी.
उसके बाद इस फिल्म का निर्माण अभिषेक कपूर की पत्नी प्रज्ञा कपूर के साथ रौनी स्क्रूवाला ने किया. किसी तरह यह फिल्म पूरी हुई. अब जब लग रहा था कि सुशांत सिंह राजपूत व सारा अली खान की फिल्म ‘‘केदारनाथ’’ की सभी समस्याएं खत्म हो गयी हैं और 12 नवंबर के इसका ट्रेलर बाजार में लाने की तैयारी हो रही है, तो अब केदारनाथ के पुजारियों की कोप दृष्टि इस फिल्म पर पड़ गयी है.
मुंबई के एक अंग्रेजी दैनिक के अनुसार केदारनाथ मंदिर के पुजारियों व केदार सभा ने इस फिल्म पर ‘‘लव जेहाद’’ का प्रचार करने का आरोप लगाते हुए बैन लगाने की मांग की है. केदारनाथ मंदिर के पुजारियों की संस्था ‘केदार सभा’ ने फिल्म के निर्माता प्रज्ञा कपूर व रौनी स्क्रूवाला को पत्र लिखकर फिल्म से प्रेम कहानी को हटाकर नए सिरे से कहानी लिखने की मांग की है. इतना ही नही केदार सभा ने उनके सभी सदस्यों को तुरंत फिल्म दिखाने की भी मांग की है. ज्ञातव्य है कि फिल्म ‘‘केदारनाथ’’ की कहानी 2013 में उत्तराखंड व केदारनाथ में आई बाढ़ की तबाही के मंजर पर है. जिसमें श्रृद्धा व भक्ति के साथ सुशांत सिंह राजपूत व सारा अली खान की प्रेम कहानी है. इसमें सारा अली खान ने एक उच्च वर्ग की ब्राह्मण तीर्थयात्री और सुशांत सिंह राजपूत ने तीर्थ यात्रियों को पहाड़ों पर चढ़ाने का काम करने वाले मुस्लिम कुली का किरदार निभाया है. जिनके बीच प्यार पनपता है. इस फिल्म का फिल्मांकन उत्तराखंड में हुआ है.
उधर केदार सभा के कार्यकारी अधिकारी एन पी जमलोकी ने कहा है – ‘‘हमें फिल्म की विषयवस्तु का पूरा पता नहीं है. मगर फिल्म का प्रोमो देखकर हमें इसमें बहुत कुछ आपत्तिजनक नजर आया. चुंबन दृष्य और दो अलग अलग धर्म के युवक युवती के बीच प्रेम का चित्रण गलत ढंग से है. धार्मिक स्थल पर फिल्मायी गयी यह प्रेम कहानी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है. इसलिए निर्माताओं के लिए जरूरी है कि वह मंदिर की कमेटी को पहले फिल्म दिखाएं.’’