इंसान अपनी जिंदगी में बहुत कुछ करना चाहता है, पर कई बार पारिवारिक हालात तो कई बार सामाजिक उसे वैसा करने से रोक देते हैं. तब इंसान हालात बदलने का इंतजार करते हुए दूसरा काम करता रहता है,मगर हालात बदलते ही अपने मनपसंद काम को अंजाम देना षुरू कर देता है.ऐसा ही कुछ इंदौर निवासी रक्षा श्रीवास्तव के संग हुआ.रक्षा रीवास्तव बचपन से ही गायक बनना चाहती थीं.
लेकिन उनके पुलिस अफसर पिता को यह पसंद नही था.तब रक्षा श्रीवास्तव ने पढ़ाई पूरी करने के बाद पत्रकार बन गयी.वह कई टीवी चैनलों में पंद्रह वर्षों तक काम करती रहीं.पर कोरोना काल में उन्हें संगीतज्ञ कौशल महावीर के साथ नए सिरे से संगीत सीखने का अवसर मिला.इसी बीच उनकी मुलाकात संगीतकार राजीव महावीर और गायक व संगीतकार हरिहरन से मुलाकात हुई.
हरिहरन ने उन्हें नया जोश दिलाया और फिर संगीतकार राजीव महावीर के निर्देषन में रक्षा श्रीवास्तव ने एक संगीत अलबम ‘‘ मंजिलः ए म्यूजिकल जर्नी’’ बनाया. जिसमें उनके द्वारा स्वर बद्ध आठ गजलों का खूबसूरत गुलदस्ता है. इनमें से एक गजल हरिहरन ने खुद रक्षा श्रीवास्तव के साथ गाया है. रक्षा श्रीवास्तव के अलबम ‘‘मंजिलः ए म्यूजिकल जर्नी’ को ‘टी सीरीज’ संगीत कंपनी ने जारी किया है.गायक व संगीतकार हरिहरन ने स्वयं मशहूर लेखक रूमी जाफरी के साथ मिलकर रक्षा श्रीवास्तव के अलबम ‘‘मंजिलः ए म्यूजिकल जर्नी’ का मुम्बई के आइनॉक्स थिएटर में शानदार समारोह में लोकार्पण किया.
आठ गजलों से युक्त संगीत अलबम ‘‘मंजिलः ए म्यूजिकल जर्नी’’ में आठ गजलों में से रक्षा श्रीवास्तव की आवाज में छह सोलो गजलें हैं, एक गजल हरिहरन और रक्षा श्रीवास्तव की डुएट है और एक गजल हरिहरन की सोलो है. इस खूबसूरत गजल अलबम के संगीतकार राजीव महावीर हैं. इसकी दो गजलों के वीडियो का निर्देशन संदीप महावीर ने किया है.
इस अवसर पर मशहूर गायक व संगीतकार हरिहरन ने कहा ‘‘ राजीव महावीर ने सभी गजलों की खूबसूरत धुनें बनायी हैं. जबकि रक्षा श्रीवास्तव ने बेहतरीन आवाज के साथ बड़ी खूबसूरती से इन्हें गाया है.जब में पहली बार रक्षा से मिला, तभी मुझे अहसास हो गया था कि रक्षा के अंदर संगीत के गुण मौजूद हैं.इस वजह से उनकी गायकी में एक आक-ुनवजर्याण है. फिर जब मैंने उनके साथ एक गजल गायी तो मु-हजये अहसास हुआ कि वह संगीत जगत में बहुत आगे तक जाने वाली हैं. वीडियो निर्देशक संदीप महावीर ने गजब का निर्देशन कर मुझे हीरो बना दिया है.’’
खुश व उत्साहित रक्षा श्रीवास्तव ने कहा- ‘‘ मैं स्वयं को काफी भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे अपने संगीत करियर की शुरूआत में हरिहरन जैसे संगीत के गुणी गायक के साथ गाने का मौका मिला. हम रूमी जाफरी जी का भी शुक्रिया अदा करते हैं कि वह हमारी एक बार की गुजारिश पर हमें अपनी दुआएं देने यहां आ गए.’’
अलबम का लोकार्पण करने के बाद रूमी जाफरी ने रक्षा श्रीवास्तव की आवाज की तारीफ करते हुए कहा-ंउचय ‘‘मैंने दोनों गीत देखे,जो काफी अच्छे लगे. रक्षा की आवाज में क-िरु39या-रु39या है, वीडियो भी कमाल का बना है.हरिहरन एक ऐसे सिंगर हैं जो हर प्रकार की कम्पोजिशन को भलीभांति निभा लेते हैं.’’
वीडियो निर्देशक संदीप महावीर ने कहा- ‘‘हमने एक सोलो गाना रक्षा श्रीवास्तव पर ही कश्मीर की खूबसूरत वादियों में माइनस 4 डिग्री में फिल्माया है.वीडियो में एक खूबसूरत कहानी है. इस गाने में कश्मीर की वादियों में रक्षा एक पेटिंग बनाती हैं, जिसे वह दूसरे गाने में हरिहरन को देती हैं. तो इसमें एक कहानी व एक पूरी यात्रा नजर आने वाली हैं. हमने इसी दृष्टिकोण के साथ वीडियो फिल्माए हैं.’’
इस अलबम में हैदर नजमी की खूबसूरत गजल ‘हाथ मिले तो दिल भी मिला दे’,लखनऊ के अनुराग सिन्हा की गजल ‘या खुदा मेरे ख्यालों में ये मंजर क्यूँ है’,तौफिक पालवी की गजल ‘आरजू बनके..’ के अलावा बनारस की अंकिता की गजल ‘‘अधूरा प्यार‘‘ का भी शुमार है.
रक्षा श्रीवास्तव बताती हैं- पढ़ाई लिखाई में काफी तेज होने की वजह से मेरे परिवार वाले मु-हजये आईएएस या आईपीएस अधिकारी बनाना चाहते थे. जबकि संगीत के क्षेत्र में कुछ करने की इच्छा के चलते मैंने कॉलेज में एक विषय संगीत ले लिया. मैंने धीरे धीरे संगीत सीखना शुरू किया और नैसर्गिक प्रतिभा होने के कारण जल्द तरक्की करने लगी.तभी मेरी गजलों में रुचि जागी. मैंने उस्ताद सरवत हुसैन खान से संगीत की तालीम ली. उर्दू जबान पर पकड़ होने और साहित्य में रुचि से मेरी गायकी को बल मिला.लेकिन पारिवारिक दबाव के चलते मुझे संगीत की बनिस्बत मीडिया में काम करना पड़ा. आकर्षक व्यक्तित्व, तेज दिमाग, मेहनती और जल्द सीखने के हुनर की वजह से मुझे मीडिया अच्छी सफलता मिली.
15 साल तक मैंने पत्रकार के तौर पर मध्यप्रदे-रु39या काम किया. मगर मेरा दिल तो संगीत और गजल से ही मोहब्बत करता था. 15 साल का वनवास काटते काटते कोविड का दौर आया. मेरे अंदर की संगीत की चिंगारी भड़क उठी. परिणाम स्वरूप यह अलबम लेकर आ गयी हूं. इसमें सबसे ज्यादा बढ़ावा राजीव महावीर व हरिहरन से मिला. राजीव महावीर ने ही मुझे कौशल महावीर जैसा संगीत गुरू दिलाया.’’