‘‘टीसीरीज’’ निर्मित और विशाल पंड्या निर्देशित ईरोटिक फिल्म ‘‘वजह तुम हो’’ को लेकर सना खान काफी उत्साहित हैं. दक्षिण भारत में 16 फिल्मों में अभिनय कर चुकी सना खान यूं तो ‘जय हो’ में भी नजर आयी थीं, मगर पहली बार वह फिल्म ‘‘वजह तुम हो’’ से बालीवुड में हीरोईन बनकर आ रही हैं.
पेश हैं उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश…
फिल्म ‘‘वजह तुम हो’’ एक इरोटिक फिल्म है. इरोटिक फिल्में करने को लेकर आपको संकोच नही हुआ?
– मेरी राय में तो हर फिल्म में इरोटिजम होता है. विशाल पंड्या ने खुद ही लिख दिया कि मेरी फिल्म इरोटिक फिल्म है. ऐसी कौन सी फिल्म है, जिसमें इरोटिजम नहीं है. किस फिल्म में किसिंग सीन नहीं होते हैं? इंटीमेसी के सीन नही होते हैं? बड़े से बड़ा स्टार भी किसिंग और इंटीमेसी के सीन करता है. क्योंकि इमोशन को दिखाने के लिए यह करना ही पड़ेगा. आज दर्शक भी फिल्म में रियलिटी देखना चाहता है. तो हमने अपनी फिल्म में उस हद तक इरोटिजम दिखाया है, जिस हद तक हमारे संस्कार और सेंसर बोर्ड इजाजत देता है.
हमने सामाजिक संस्कारों के खिलाफ कोई बात नही की है. अब जब शूटिंग होती है, तो सेट पर बहुत से लोग होते है? उसे कौन रोकेगा? इंटरनेट पर लोग जरूरत से ज्यादा इरोटिजम देख रहे हैं, उस पर कौन रोक लगाएगा? पर हम अपनी फिल्में संस्कारों से बंधकर काम कर रही हैं. इसलिए किसी को भी फिल्म ‘वजह तुम हो’ के इरोटिजम को लेकर हल्ला नही मचाना चाहिए. लोगों को मानकर चलना चाहिए कि एक निर्माता निर्देशक बेवकूफ नहीं है. वह सीन व कहानी की मांग के अनुसार ही फिल्म में इरोटिजम रखता है. वह अपनी फिल्म को बर्बाद करने के लिए इस तरह के सीन कभी नहीं रखेगा.
जब आप पटकथा पढ़ती हैं, तो इस तरह के दृश्यों के बारे में सोचती हैं या नहीं?
– मैं 25 सेकंड के इरोटिक सीन के लिए ढाई घंटे की फिल्म करने से मना नहीं कर सकती. मैं इतनी दब्बू किस्म की इंसान नही हूं, जो यह सोचे कि यह क्या हो रहा है? इरोटिक सीन हो या किसिंग सीन हों, वह मैं फिल्मों में अभिनय करने तक ही रखती हूं. इसलिए मैं इस बात पर ध्यान देती हूं कि पटकथा मुझे पसंद आ रही है या नहीं. बाकी के सीन तो 20-25 सेकंड के होते हैं. पर लोग ढाई घंटे की फिल्म देखते हैं. अब आप ढाई घंटे तो इरोटिजम नही दिखाएंगे. इसलिए मैं एक अच्छी फिल्म में काम करना पसंद करती हूं.
सच यह है कि फिल्म ‘वजह तुम हो’ के किंसिंग सीन के फिल्मांकन के दौरान मैं बहुत ज्यादा नर्वस हो जाती थी. तब निर्देशक विशाल पंड्या मेरा हाथ पकड़ लेते थे, अन्यथा शायद उस वक्त मैं गुरमीत को थप्पड़ जड़ देती.
आपकी मां ने ट्रेलर देखकर क्या कहा?
– बहुत आग बबूला हुई. बहुत गुस्से में हैं. हर दिन हमारे बीच तू तू मै मैं हो रही है. मैं उन्हे समझाने का प्रयास कर रही हूं कि मैंने जो किया, वह अभिनय है.
फिल्म ‘‘वजह तुम हो’’ में पटकथा पढ़ते समय आपको क्या खासियत नजर आयी?
– पूरी फिल्म की पटकथा ही खास है.
आपने यह बयान क्यों दिया कि आपको गुरमीत चैधरी के साथ इंटीमेसी सीन करने में तकलीफ थी?
– गुरमीत हो या कोई भी कलाकार हो, मुझे इंटीमेसी के सीन करने से परहेज है. देखिए, मैं शौक से इंटीमेसी सीन या इरोटिक सीन को अंजाम नहीं देना चाहती. इसलिए मैंने यह बात कही. पर इसके यह मायने नही हैं कि मैं कहानी या किरदार की मांग को पूरा नहीं करना चाहती. मेरा मानना है कि मैं फिल्मों में जो भी कर रही हूं, वह फिल्म में किरदार की मांग के अनुसार करती हूं. भविष्य में भी मैं किरदार की हर मांग को पूरा करूंगी. यदि मुझे वेश्या के किरदार को निभाने का मौका मिला, तो मैं वह भी निभाउंगी. फिल्म में वेश्या का किरदार निभाने का अर्थ यह नहीं होगा कि मैं निजी जिंदगी में भी मैं वेश्या कर्म करूंगी.
फिल्म ‘वजह तुम हो’ में मैंने वकील का किरदार निभाया है, इसका अर्थ यह नही है कि मैं हाई कोर्ट में जाकर किसी का केस लडूंगी. फिल्म में मैंने इरोटिक सीन किए, पर निजी जिंदगी में मैं उस तरह के इरोटिक काम नहीं करती. इंटीमेसी या इरोटिक चीजें बहुत निजी होती हैं, उन्हें करते हुए मुझे भी शर्म आती है. इस फर्क को मैं आम लोगों को बताना चाहती हूं. इसलिए मैंने ऐसा कहा.
इसके बाद क्या कर रही हैं?
– एक हास्य फिल्म ‘‘टाम डिक हैरी’’ कर रही हूं.
आपको हास्य से कुछ ज्यादा ही लगाव हो गया है?
– लोगों को लगता है कि मैं कामेडी अच्छा कर लेती हूं. मैंने कपिल शर्मा के दो शो भी किए. अब कामेडी फिल्म कर रही हूं. कामेडी करना आसान नही है. लोगों को हंसाना बहुत कठिन होता है. उस इमोशन में जाना और सही टाइमिंग में अभिनय करना बहुत कठिन होता है.