अभिनेत्री सोनम कपूर की पहचान अभिनेता अनिल कपूर की बेटी और एक बड़बोली अभिनेत्री की रही है. कभी ऐश्वर्या राय बच्चन को आंटी कहने तो कभी दीपिका या कैटरीना से कैट फाइट के चलते उन्हें सुर्खियां भले ही मिलती रही हों लेकिन इस से उन के अभिनय का स्तर नहीं सुधरा. अपने 7 साल लंबे कैरियर में उन्हें बड़ा ब्रेक संजय लीला भंसाली ने फिल्म ‘सांवरिया’ में दिया. फिल्म असफल रही लेकिन फिल्मी परिवार की होने के चलते उन्हें काम मिलता रहा. कई असफल फिल्मों के बावजूद उन की फिल्में रिलीज होती रहीं. इतने मौके किसी संघर्षरत कलाकार को शायद ही मिलते. बहरहाल अति आत्मविश्वास की शिकार सोनम खुद को फैशन आइकन व सुपरस्टार समझती हैं लेकिन उन का कैरियर ग्राफ उन्हें औसत कलाकार ही साबित करता है. सोनम ने अपनी बहन व पिता के साथ मिल कर फिल्म ‘खूबसूरत’ का निर्माण भी किया लेकिन वह फिल्म भी नहीं चली. जबकि इस से पहले वे ‘आयशा’ जैसी फ्लौप फिल्म भी निर्मित कर चुकी हैं. हालांकि उन के अभिनय की तारीफ फिल्म ‘रांझणा’ में हुई लेकिन इतने सालों बाद किसी कलाकार के पास सफलता के नाम पर एक या दो फिल्में होना जाहिर करता है कि उस का कामयाबी का सफर अभी शुरू हुआ है. उन्हें अभी कुछ और यादगार फिल्में करनी होंगी. हाल ही में सोनम कपूर से हुई बातचीत में उन से कई बातें जानीं.

दीवाली पर रिलीज फिल्म ‘प्रेम रतन धन पायो’ में वे सलमान खान की हीरोइन बन कर आईं तो वहीं वे नीरजा भानोट की बायोपिक फिल्म के अलावा एक पौलीटिकल व रोमांटिक फिल्म ‘बैटल फौर बिटोरा’ भी कर रही हैं. सफलता व असफलता को ले कर सोनम कहती हैं, ‘‘मैं इस से काफी आगे निकल चुकी हूं. ‘रांझणा’ से पहले मेरी फिल्में असफल हुई थीं. ‘रांझणा’ के बाद तो मेरी सारी फिल्में बौक्स औफिस पर सफल हो रही हैं. कभी कोई फिल्म बहुत बड़ी हिट हुई है, तो कभी कोई फिल्म औसत रही. ‘बेवकूफियां’ औसत चली, तब मुझे थोड़ा सा दुख हुआ था क्योंकि ‘बेवकूफियां’ के लिए मैं ने बहुत मेहनत की थी. लोगों को मेरा काम भी पसंद आया था.’’

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