अमरीका के न्यूयार्क शहर में जन्मी और अमरीकन माडल के रूप में शोहरत बटोरने के बाद फिल्म ‘‘राक स्टार’’ से बौलीवुड फिल्मों में कदम रखने वाली नरगिस फाखरी पिछले कुछ समय से उदय चोपड़ा के साथ अपने रिश्तों और अपनी बीमारी को लेकर चर्चा में रही हैं. कहा जा रहा था कि नरगिस फाखरी बौलीवुड को अलविदा कह कर हमेशा के लिए अमरीका जा बसी हैं. मगर नरगिस फाखरी मुंबई वापस आयी हैं. वह राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म सर्जक रवि जाधव निर्देशित फिल्म ‘‘बैंजो’’ का जमकर प्रमोशन भी कर रही हैं.

जहां तक नरगिस फाखरी के अभिनय करियर का सवाल है, तो नरगिस फाखरी ने पांच साल के अंतराल में करीबन दस फिल्मों में अभिनय किया है, मगर‘‘राक स्टार’’ व ‘‘मद्रास कैफे’’ को छोड़कर उनकी किसी भी फिल्म को लेकर बाक्स आफिस पर अपेक्षित सफलता नसीब नहीं हुई. पर नरगिस फाखरी इसके लिए खुद के बजाय बौलीवड के फिल्मकारों को ही कटघरे में खड़ा करती हैं.

जब नरगिस फाखरी से मुंबई के बांदरा इलाके में स्थित ‘‘पाली विलेज कैफे’’ में मुलाकात हुई, तो हमने उनसे बिना किसी लाग लपाट के सीधा सवाल किया कि जब उनकी कोई फिल्म असफल होती है, तो उन्हे कैसा महसूस होता है? इस पर ‘‘सरिता’’ पत्रिका से बात करते हुए नरगिस फाखरी ने बड़ी साफ गोई के साथ कहा-‘‘बहुत तकलीफ होती है. ईमानदारी की बात तो यही है कि हर फिल्म एक जुआ है. जब हम किसी फिल्म से जुड़ने का फैसला करते हैं, उस वक्त हमें उस फिल्म के भविष्य को लेकर कुछ भी नहीं पता होता. फिल्म के असफल होने पर मैं रोती नहीं हूं. मगर बुरा लगता है. हमें लगता है कि गाड़ी फंस गयी.’’

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