बहुमुखी प्रतिभा के धनी रितेश देशमुख अपने पिता स्व.विलासराव देशमुख की ही तरह हमेषशा शांत और धैर्य रखने वाले इंसान हैं. फर्क इतना है कि उनके पिता राजनीति में थे और वे अभिनेता हैं. रितेश देशमुख ने फिल्म ‘‘तुझे मेरी कसम’’ से साल 2003 में अपने अभिनय करियर की शुरूआत की थी. चौदह सालों के अभिनय करियर में उनकी पहचान हास्य फिल्मों तक ही सीमित होकर रह गयी है, जबकि मराठी में वे अलग तरह की सिनेमा बना रहे हैं. इन दिनों वह फिल्म ‘‘बैंक चोर’’ को लेकर चर्चा में आए हैं. उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश :
आप अपने करियर को किस मुकाम पर पाते हैं?
- मैं इस तरह से कभी सोचता ही नहीं. मैं तो हमेशा काम करने में यकीन रखता हूं. फिलहाल मुझे अच्छा काम करने का अवसर मिल रहा है. हिंदी फिल्मों में अभिनय कर रहा हूं, तो वही अपनी मातृभाषा मराठी में फिल्मों निर्माण कर रहा हॅूं. फिलहाल मेरा सारा ध्यान फिल्म ‘‘बैंक चोर’’ की तरफ है, जो कि 16 जून को प्रदर्शित होगी.
बैंक चोरी के साथ हास्य वाली फिल्म आपने पहली बार की हैं?
- कॉमेडी में भी कई जोनर हैं, मुझे हर जोनर काम करना है. ये सच है कि अब तक मैने ‘बैंक चोरी’ जैसी फिल्म नहीं की हैं. इसका कॉन्सेप्ट भी बहुत अलग है. तीन युवक बैंक में चोरी करने के लिए घुसते हैं, लेकिन सब कुछ गलत हो जाता है. बैंक के बाहर पुलिस व मीडिया इकट्ठा हो जाती है. अब इनका पकड़ा जाना तय है. ऐसी परिस्थिति में तीनों तनाव से गुजरते हैं और उस वक्त जो ह्यूमर निकलता है, वो इस फिल्म की खासियत है. इसमें स्लैपस्टिक या शारीरिक कॉमेडी नही है.
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