अभिनेत्री प्राची देसाई टीवी जगत से फिल्मों में आई हैं. ‘रौक औन’ फिल्म से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने वाली प्राची ने ‘वन्स अपौन ए टाइम इन मुंबई’, ‘बोल बच्चन’, ‘आई मी और मैं’ आदि फिल्मों में काम किया, हालांकि उन्होंने अपना अभिनय कैरियर टीवी से शुरू किया था पर अब वे फिल्मों में ही आगे बढ़ना चाहती हैं. फिल्म ‘अजहर’ में वे नजर आईं. क्रिकेटर अजहरुद्दीन पर आधारित इस फिल्म में वे अजहरुद्दीन की पहली पत्नी नौरीन की भूमिका में हैं.
नौरीन की भूमिका निभाना कितना कठिन था, इस सवाल के जवाब में प्राची कहती हैं, ‘‘यह किरदार बहुत कठिन था. उसे कोई नहीं जानता है, कौन है, कहां रहती है, अजहरुद्दीन के जीवन पर उस का प्रभाव क्या है आदि कई प्रश्न हैं जो ‘अनटोल्ड’ हैं, उसे बताने की कोशिश की गई है. जब नौरीन 16 साल की थी तब उसे अजहरुद्दीन से कैसे प्यार हुआ, शादी हुई आदि सभी मैं ने जानने की कोशिश की. मैं उन से मिली. मिलने के बाद मेरी राय पूरी तरह से बदल गई. असल जिंदगी में उन्हें देख कर मैं भावुक हो गई. तभी उन से जुड़ाव भी महसूस होने लगा. ऐसा शायद कहानी या मेरी भूमिका की वजह से हुआ. रियल लाइफ में 20 साल की उम्र में उन की शक्ति, मर्यादा, कम बोलना आदि सभी को परदे पर जीवंत करना आसान नहीं था. यह मेरे लिए चुनौती थी, इसलिए मैं ने इस भूमिका को करना सही समझा.
चूंकि फिल्म अजहरुद्दीन के जीवन पर आधारित है जो भारतीय क्रिकेट टीम के कैप्टन रह चुके हैं, ऐसे में वे क्रिकेट में कितनी दिलचस्पी रखती हैं और क्या अजहर की फैन हैं? इस बाबत प्राची बताती हैं, ‘‘मुझे स्पोर्ट्स पसंद है. स्कूल में कई बार दोस्तों के साथ खेलती थी. क्रिकेट मैच भी देखती हूं. अजहरुद्दीन की फैन हूं, पापा के साथ बैठ कर क्रिकेट देखती थी. उस वक्त मैं छोटी थी, मुझे अधिक याद नहीं. पर इस फिल्म के जरिए मैं उन्हें अधिक जान पाई. उन की जिंदगी के कई अहम पहलू पता चले.’’
किसी सैलिब्रिटी की लाइफ पर आधारित फिल्म में इस तरह की भूमिका निभाने में क्या फिल्मी सतर्कता बरतनी पड़ती है? प्राची के मुताबिक, ‘‘हालांकि अजहरुद्दीन के जीवन की आलोचनाएं रही हैं पर जब मैं नौरीन से मिली तो मैं ने उन से ऐसी कोई बात नहीं पूछी जो उन्हें ‘हर्ट’ करे. रियल लाइफ चरित्र को निभाने में व्यक्ति की सोच, हावभाव सबकुछ आप को उन की दृष्टि से सोचने पड़ते हैं ताकि कुछ भी उन से अलग न हो जाए. ऐसे में वैसा ही सोचना, फिर अपनी दुनिया में आना, बहुत कठिन था.’’
काफी दिनों बाद फिल्मों में आने को ले कर चूजी तो नहीं हो गई हैं? इस पर प्राची कहती हैं, ‘‘मैं ‘चूजी’ हूं. किसी भी फिल्म को करना है, ऐसा सोच कर नहीं करती. मुझे मेरे पसंद की भूमिका नहीं मिल रही थी. जैसे कि लवस्टोरी. एक जैसे अभिनय मैं नहीं करना चाहती.’’ पार्टियों में नहीं दिखतीं, इस की वजह क्या है जबकि फिल्मी पार्टियों में अकसर नए कलाकार दिखाई पड़ते हैं? इस का जवाब प्राची कुछ यों देती हैं, ‘‘मैं ने 17 साल की उम्र में टीवी पर वह भूमिका निभाई थी जो अभी भी मेरी उम्र से दूर है. फिर मुझे अधिक पार्टियां पसंद नहीं. इस के अलावा अगर आप फिल्मी बैकग्राउंड से होते हैं तो आप के अनुसार कहानियां लिखी जाती हैं. आउटसाइडर्स के लिए ऐसा कुछ नहीं होता. उन्हें अपनेआप को बारबार साबित करते रहना पड़ता है और जो काम उन्हें मिलता है उसी में उन्हें अपने लायक चुनना पड़ता है. यह जरूरी नहीं कि पार्टियों में जाने से ही काम अच्छा मिलेगा.’’
क्या टीवी पर फिर से आने की इच्छा है? इस पर प्राची की प्रतिक्रिया कुछ ऐसी है, ‘‘यह सही है कि आजकल टीवी पर रिऐलिटी शो, शौर्ट स्टोरीज, अच्छे धारावाहिक आ रहे हैं. बड़ेबड़े स्टार भी उस में काम कर रहे हैं फिर चाहे अमिताभ बच्चन हों या शाहरुख खान. टीवी एक बड़ा माध्यम भी है. फिर भी डेलीसोप मैं नहीं करना चाहती. कुछ रचनात्मक काम अगर रिऐलिटी शो या किसी और शो में होगा तो शायद मैं करूं. हमारे यहां विदेशों की तरह टीवी स्टार को महत्त्व नहीं दिया जाता. यहां टीवी में काम करने वाले को घर की सासबहू से जोड़ लिया जाता है. जबकि फिल्मों में अभिनय करने वाले कलाकार लोगों की कल्पना में होते हैं. उन तक पहुंचना नामुमकिन माना जाता है.’’
फिल्म इंडस्ट्री में सफलता के फौर्मूले को ले कर प्राची का मानना है, ‘‘इंडस्ट्री में सफलता का कोई फौर्मूला नहीं है. अगर आप को सही चांस मिलते हैं तो आप सफल हो सकते हैं क्योंकि प्रतिभा सभी में है. मेहनत सब करते हैं लेकिन अगर आप को अच्छा काम मिलेगा तभी तो आप सफल हो सकते हैं. मैं विद्या बालन और कंगना राणावत से प्रभावित रही हूं. उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है. पर आज से 8 साल या 10 साल पहले आप देखेंगे कि उन के बारे में कैसी बातें लिखी और बोली जाती थीं. आज देखिए कि वे कितने सफल हैं. वे तब भी प्रतिभावान थे, पर सफलता अब मिली.’’
अपनी आने वाली फिल्म व ड्रीम प्रोजैक्ट को ले कर प्राची बताती हैं कि वे ‘रौक औन’ की सीक्वल कर रही हैं. ‘रौक औन टू’ अलग तरह की सीक्वल है. बौलीवुड में इस तरह की फिल्म नहीं आई है. इस फिल्म की शूटिंग शिलौंग में की गई है. और रही बात ड्रीम प्रोजैक्ट की, तो मैं लवस्टोरी करना चाहती हूं जो ‘यूथसैंट्रिक’ हो. फिर चाहे वह इमोशनल, थ्रिलर या रौमकौम, कैसी भी लवस्टोरी हो, मैं पसंद करूंगी. इंडस्ट्री में इतने साल बिताने के बाद आईओपनर की बात क्या थी? इस पर वे बताती हैं, ‘‘यहां केवल ऐक्ंिटग ही आप के लिए सबकुछ नहीं है. आप को कुछ और चीजें भी करनी पड़ती हैं. यह बात मुझे देरी से समझ में आई. पहले मैं समझती थी कि अभिनय ही यहां सबकुछ है. पर ऐसा नहीं है. कई ऐसे कलाकार हैं जो परफौर्म नहीं कर पाते फिर भी इंडस्ट्री में टिके हैं. मैं बहुत ही प्राइवेट पर्सन हूं और अभिनय पर विश्वास करती हूं. मैं ‘लाइमलाइट’ में आने के लिए ‘कुछ भी’ नहीं कर सकती. मुझे ट्रैवलिंग पसंद है. स्पोर्ट्स में समय बिताती हूं. डांस बहुत पसंद है उसे सीखना चाहती हूं. गाना गाने की भी इच्छा है, अगर मौका मिलेगा तो अवश्य गाऊंगी.’’
अंतरंग दृश्यों को ले कर प्राची का कहना है, ‘‘यह करना आसान नहीं होता. आप इतने सारे लोगों के सामने ऐसे लवसींस करते हैं. ऐसे में आप को दृश्य पर ध्यान देना पड़ता है. जितना आप ऐसा करेंगे आप को फिल्माने में आसानी होती है. आज तक भी मेरे लिए यह आसान नहीं है. पर यह मेरा काम है. अगर आप इस दृश्य की अहमियत को उस कहानी में समझते हैं तो करना सहज होता है. इस के अलावा स्क्रिप्ट में वह दृश्य कितना माने रखता है, उसे देखती हूं. अगर यों ही है तो मैं नहीं करती.’’
प्राची का कैरियर उतारचढ़ाव भरा रहा है. टीवी पर एक कामयाब कैरियर के बाद फिल्मों में मिली इक्कीदुक्की सफलता को उन्हें सह कलाकारों के साथ बांटनी पड़ी. कोई ऐसी फिल्म, जो उन के कंधों पर चढ़ कर सफलता पा चुकी, याद करना मुश्किल है. अगर प्राची को विद्या बालन या प्रियंका चोपड़ा सरीखी कामयाबी पानी है तो कुछ अलग व विविध काम करना ही पड़ेगा.